त्रेता युग के सबसे बड़े आयुध आविष्कारक माने जाते थे महर्षि विश्वामित्र : सुभाष शर्मा
गोहाना : 4 नवंबर : गोहाना के रोहतक रोड स्थित भगवान परशुराम आश्रम में महर्षि विश्वामित्र की जयंती आजाद हिंद देशभक्त मोर्चा के तत्वाधान में मनाई गई | इस जयंती समारोह के मुख्य वक्ता आश्रम के संचालक पूर्व सरपंच सुभाष शर्मा ने कहा कि पौराणिक धर्म ग्रंथो और हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महर्षि विश्वामित्र को त्रेता युग का सबसे बड़ा आयुध आविष्कारक माना जाता है | उनके सामान पुरुषार्थ ऋषि शायद ही कोई और हो वे अपनी सच्ची लगन ,पुरुषार्थ और तपस्या के बल पर क्षत्रिय से ब्रह्म ऋषि बने देवताओं और ऋषियों के लिए पूज्य बन गए | विश्वामित्र को सप्त ऋषियों में स्थान प्राप्त हुआ था |
जयंती समारोह की अध्यक्षता मोर्चे के मुख्य संरक्षक आजाद सिंह दांगी ने की उन्होंने कहा भगवान राम और लक्ष्मण को धनुर्विद्या और शास्त्र विद्या का ज्ञान विश्वामित्र ने ही दिया था श्री राम को परम योद्धा बनाने के पीछे विश्वामित्र ही थे उन्होंने कहा यदि महर्षि विश्वामित्र नहीं होते तो सबसे अधिक लोकप्रिय गायत्री मंत्र जगत को प्राप्त नहीं होता उन्हीं की कृपा से उनकी साधना से यह गायत्री मंत्र है | यह उनका जगत पर महान उपकार है जयंती समारोह में रामनिवास सरपंच, बलराज कलसन, पालेराम कश्यप, संदीप पहलवान, रामकुमार मलिक, धर्मवीर बरोदा, राहुल शर्मा, ओमप्रकाश मलिक, मोनू शर्मा, दीपक शर्मा, जोगिंदर चहल तथा हरदेव सिंह लठवाल आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे |