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हरियाणा में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है और घबराने की आवश्यकता नहीं है : कृषि मंत्री

 

चंडीगढ़ : 4 नवम्बर : कृषि मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने आज प्रदेश में डीएपी खाद की उपलब्धता बारे अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इसके बाद उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि राज्य में डीएपी की कोई कमी नहीं है और घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को पर्याप्त डीएपी उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है।

श्री श्याम सिंह राणा ने बैठक के बाद बताया कि मंत्रालय से प्रदेश सरकार को जानकारी दी गई है कि जहां अक्टूबर 2023 के रबी सीजन में डीएपी की कुल खपत 1,19,470 मीट्रिक टन थी, जबकि इस साल अक्टूबर 2024 में यह खपत 1,14,000 मीट्रिक टन दर्ज की गई है। वर्तमान में राज्य में 24,000 मीट्रिक टन डीएपी का स्टॉक उपलब्ध है और प्रतिदिन किसानों के लिए डीएपी की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु रेक योजना तैयार की गई है।

2023 के रबी सीजन में नवंबर माह में डीएपी की खपत 72,697 मीट्रिक टन रही थी। राज्य सरकार के प्रयासों से इस बार केंद्र ने नवंबर के लिए 1,10,000 मीट्रिक टन डीएपी खाद का आवंटन किया है। इसके तहत नवंबर के पहले सप्ताह में 41,600 मीट्रिक टन, दूसरे सप्ताह में 40,000 मीट्रिक टन और तीसरे सप्ताह में 20,000 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति रेक द्वारा सुनिश्चित की जाएगी।

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अधिकारियों ने मंत्री को जानकारी दी कि विभिन्न जिलों में डीएपी खाद की आपूर्ति के लिए रेक योजना बनाई गई है। इसके तहत 3 नवंबर को भिवानी, दादरी, रोहतक, महेंद्रगढ़, करनाल, पानीपत, कुरुक्षेत्र और जींद में तथा 4 नवंबर को हिसार, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, झज्जर, सोनीपत और रोहतक में रेक पहुंच चुकी है। अब कल 5 नवंबर को कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पलवल, टोहाना और सिरसा में, 6 नवंबर को खोरी और सिरसा में, 7 नवंबर को कैथल और कुरुक्षेत्र में, 8 नवंबर को भट्टू, टोहाना, सिरसा और धूलकोट में , 9 नवंबर को भट्टू, टोहाना और हिसार में,10 नवंबर को भिवानी, कैथल, कुरुक्षेत्र और जींद में तथा 11 नवंबर को गोहाना और जींद में डीएपी की रेक पहुंचेगी।

कृषि मंत्री ने किसानों को आश्वस्त किया है कि मांग के अनुसार डीएपी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे यूरिया खाद की उपलब्धता का भी जायजा लें।

कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जमीनी स्तर पर खाद की उपलब्धता की समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि किसानों को समय पर डीएपी खाद उपलब्ध हो। उन्होंने अधिकारियों से यूरिया खाद के स्टॉक का भी आकलन करने का निर्देश दिया, क्योंकि अगले महीने में इसकी मांग बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, मंत्री ने किसानों से अपील की कि वे पराली का उपयोग उर्वरक के रूप में करें और इसे जलाने से बचें। क्योंकि पराली जलाने से जहां जमीन की उपजाऊ शक्ति कम होती है वहीं मिट्टी में मिलाने से शक्ति बढ़ती है।

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