Breaking NewsGohanaPoliticsविधानसभा चुनाव

बागी बढ़ा रहे हैं कांग्रेस-भाजपा की टेंशन: इन 9 सीटों पर मुकाबला हुआ त्रिकोणीय; दोनों दलों के बिगाड़े समीकरण

हरियाणा में कांग्रेस और भाजपा की बागी टेंशन बढ़ा रहे हैं। इन आठ सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। दोनों दलों के बागी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। मान-मनौव्वल से भी नहीं माने तो उन्हें पार्टियों ने निकाल दिया।

सोनीपत जिले के बरोदा हलके में कांग्रेस पार्टी से बगावत कर डॉ कपूर सिंह नरवाल ने आजाद उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर रखा है | उन्हें बरोदा हलके में 36 जातियों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है उनकी जनसभाओं में विशाल जनसैलाब उमड़ रहा है | डॉ कपूर सिंह नरवाल ने कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं की नींद उड़ा रखी है | उनका मुकाबला कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मौजूदा विधायक इंदुराज नरवाल है | जिस तरह का जन समर्थन और पैसा कपूर सिंह नरवाल को मिल रहा है उसको देखते हुए डॉ कपूर सिंह की जीत निश्चित लग रही है |

गन्नौर में देवेंद्र कादियान बना रहे नए समीकरण
गन्नौर सीट से देवेंद्र कादियान भाजपा के टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन ऐन मौके पर पूर्व सांसद रमेश कौशिक के भाई देवेंद्र कौशिक को भाजपा ने मैदान में उतार दिया। विरोध में देवेंद्र कादियान ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की ठानी। इस समय कादियान धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। गांवों में उनकी अच्छी पकड़ है। ऐसे में उनका बढ़ता प्रचार भाजपा समेत कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा की भी परेशानी बढ़ा रहा है।

रेवड़ी और जैन बिगाड़ रहे समीकरण
पानीपत सिटी सीट से कांग्रेस की बागी रोहिता रेवड़ी पानीपत ग्रामीण से विजय जैन भी मुकाबले को रोमांचक बना रहे हैं। सिटी में कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र शाह और ग्रामीण में सचिन कुंडू की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। रेवड़ी पहले विधायक रह चुकी हैं और शहर में उनका अच्छा खासा वोट बैंक है।

इसी प्रकार जैन भी राजनीतिक परिवार से हैं और उनके पिता का पुराना रसूख काम आ रहा है। जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है तो दोनों ताबड़तोड़ प्रचार में जुटे हैं, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा रहे हैं, क्योंकि दोनों कांग्रेस के वोट काट रहे हैं।

अंबाला कैंट में चित्रा सरवारा कांग्रेस के लिए ही मुसीबत अंबाला कैंट से कांग्रेस का टिकट न मिलने के बाद चित्रा सरवारा निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं और कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ रही हैं। कांग्रेस ने यहां परमिंद्र परी को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन चित्रा के निर्दलीय मैदान में उतरने से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

सरवारा को कांग्रेस मनाने की कोशिश इसलिए भी नहीं कर रही है, क्योंकि पार्टी पहले ही उनको छह साल के लिए निष्कासित कर चुकी है। चित्रा मजबूती के साथ चुनाव लड़ रही हैं और मुकाबला त्रिकोणीय बना रही हैं, जिससे पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को फायदा होता दिख रहा है।

WhatsApp Image 2024-08-14 at 9.41.16 AM (2)
WhatsApp Image 2024-08-14 at 9.41.16 AM (3)
WhatsApp Image 2024-08-03 at 12.46.12 PM
WhatsApp Image 2024-08-03 at 12.55.06 PM
c3875a0e-fb7b-4f7e-884a-2392dd9f6aa8
1000026761
WhatsApp Image 2024-07-24 at 2.29.26 PM

पूंडरी में सतबीर भाणा और कैथल में नरेश ढांडे बढ़ा रहे कांग्रेस की बेचैनी रणदीप सुरजेवाला के समर्थक सतबीर भाणा को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो वे कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सीपीएस सुलतान जडौला के सामने निर्दलीय उतर गए। कांग्रेस से ही टिकट के दावेदार पूर्व विधायक रणधीर गोलन भी यहां से निर्दलीय मैदान में हैं। लेकिन ऐन मौके पर गोलन ने जड़ौला को समर्थन कर दिया।

अब भाणा मुकाबले को रोचक बना रहे हैं। पहले यहां मुकाबला सीधे तौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच था, लेकिन भाणा अब मुकाबले में आ रहे हैं। इससे कांग्रेस प्रत्याशी की परेशानी बढ़ रही है।

इनके साथ कैथल की गुहला चीका सीट से कांग्रेस का टिकट न मिलने से नरेश ढांडे निर्दलीय मैदान में हैं और कांग्रेस के देवेंद्र हंस को ही टक्कर देते नजर आ रहे हैं। ढांडे के पिता अमर सिंह ढांडे पहले यहां से विधायक रहे हैं और उनकी शहर के साथ-साथ गांवों में अच्छी पकड़ है।

सीएम सैनी और मेवा के लिए परेशानी बने संदीप गर्ग
लाडवा से भाजपा के टिकट के दावेदार संदीप गर्ग निर्दलीय मैदान में हैं। यहां से भाजपा से सीएम नायब सिंह सैनी मैदान में हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद संदीप गर्ग पीछे नहीं हट रहे और मजबूती के साथ प्रचार कर रहे हैं।

खासकर वह वैश्य समाज में मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं। मंडी में अच्छी पकड़ होने के चलते उनके साथ अन्य वर्ग के मतदाताओं के भी आने की संभावना है। जैसे-जैसे गर्ग प्रचार को धार दे रहे हैं, यहां मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बन रहे हैं। इसका खतरा नायब सैनी और कांग्रेस प्रत्याशी मेवा सिंह को है।

असंध में जिले राम शर्मा बिगाड़ रहे खेल
असंध सीट से भाजपा का टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय जिले राम शर्मा भाजपा के प्रत्याशी योगेंद्र राणा की परेशानी बढ़ा रहे हैं। हालांकि, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने उनको मनाने की कोशिश की, लेकिन जिलेराम नहीं माने। हाल ही में उनके बारे में अफवाह भी उड़ाई गई कि उन्होंने भाजपा को समर्थन दे दिया है, लेकिन शर्मा ने इस खबर का खंडन करते हुए जोरदार तरीके से चुनाव लड़ने का दावा किया है। भाजपा को यहां जट सिख चेहरे शमशेर गोगी कड़ी टक्कर दे रहे हैं, ऐसे में अगर गैर जाट मतदाताओं के वोट जिले राम को मिले तो सीधे तौर पर योगेंद्र राणा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

Khabar Abtak

Related Articles

Back to top button