बरोदा हलके का रण : लगातार तीन बार विधायक रहे स्व. श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे के सुर हुए बगावती, आरोप : दीपेंद्र ने भाई बन कर गला काटा
गोहाना :-7 सितंबर : बरोदा हलके से विधायक इंदुराज नरवाल को ही कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा होते ही बगावत हो गई । बरोदा हलके से लगातार तीन बार विधायक रहे स्व. श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे जीता हुड्डा के सुर भी बगावती हो गए हैं। उन्होंने सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा पर भाई बन कर गला काटने और दूसरी बार अत्याचार करने का आरोप लगाया है।
2008 के परिसीमन से पहले बरोदा हलका रिजर्व था। इस हलके के ओपन होने के बाद यह श्रीकृष्ण हुड्डा ही थे जिन्होंने लगातार तीन चुनाव जीत कर विजय की हैट्रिक लगाई थी। 2020 में जब उनकी मृत्यु होने पर उपचुनाव हुआ, तब भी उनके बेटे जीता हुड्डा कांग्रेस टिकट के सशक्त दावेदार थे।
जीता हुड्डा ने आरोप लगाया कि दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाई बन कर उन का गला काटा है। उनके अनुसार दीपेंद्र ने उनसे दूसरी बार अत्याचार किया है। उनका कहना है कि जिस विधायक की मौत होती है, टिकट उसी के परिवार के सदस्य को दी जाती है। लेकिन दीपेंद्र ने उस समय इंदुराज नरवाल की टिकट मिलने के बाद वादा किया था कि 2024 की टिकट आप की होगी। जीता हुड्डा का कहना है कि अगर उसी समय दीपेंद्र उन्हें मना कर देते, वह चुपचाप घर बैठ जाते ।
जीता हुड्डा ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा उनके पिता के दोस्त थे। उनके लिए पिता समान हैं। इस नाते उनसे बात कम होती है । पर दीपेंद्र उन्हें बड़ा भाई कहते हैं। चार दिन पहले भी उनके साथ डॉ.कपूर सिंह नरवाल, रणदीप मलिक और रेखा मलिक ने दीपेंद्र से आग्रह किया था कि टिकट सर्वे के आधार पर जिताऊ कैंडिडेट को दी जाए।
दिवंगत विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे जीता हुड्डा ने कहा कि वह एक-दो दिन में वर्करों की बैठक करेंगे। जो हलका और वर्कर कहेंगे, वह वही करेंगे। उल्लेखनीय है कि 2020 में पिता की मृत्यु और उपचुनाव में टिकट न मिलने के बावजूद जीता हुड्डा ने गोहाना में अपने पिता के समय का कार्यालय बरकरार रखा। वह वापस रोहतक नहीं लौटे। उन्होंने जनता के बीच बने रहते हुए चार साल हलके के गांवों में फ्री आई चेकअप कैंप भी लगवाए।