हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता की 17 वी पुण्यतिथि पर गोहाना में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन
स्वतंत्रता सेनानी, महान देशभक्त एवं महान समाज सुधारक थे बनारसी दास गुप्ता : आजाद डांगी
गोहाना : 29 अगस्त : गोहाना के मेन बाजार स्थित जनकपुर गेट में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता की 17 वी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया जिसमें मुख्य वक्ता आजाद हिंद देशभक्त मोर्चा के मुख्य संरक्षक आजाद सिंह दांगी ने कहा बाबू जी के नाम से मशहूर बनारसी दास गुप्ता जी का जन्म 5 नवम्बर 1917 को तत्कालीन पंजाब के जींद जिले के मानेहरु गांव में लाला रामसरुप दास जी के घर हुआ। आपकी शिक्षा कितलाना, चरखी दादरी एवं पिलानी में हुई। ‘बिड़ला कॉलेज’ पिलानी में उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। पंडित जवाहरलाल नेहरु के प्रेरणादायी भाषण से प्रभावित होकर आप अपनी पढ़ाई छोड़कर स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और संघर्ष समिति की स्थापना की। स्वतंत्रता आंदोलन में आपको कई बार जेल भी जाना पड़ा।
बनारसी दास गुप्ता जी की गतिविधियां देखकर जींद रियासत में उन्हें 1941 में गिरफ्तार करके फरीदकोट जेल में बंद कर दिया था। भारत छोड़ो आंदोलन में भी बनारसी दास गुप्ता ने भाग लिया और 1942 से 1944 तक जेल में बंद रहे।
आजादी के पश्चात बनारसी दास गुप्ता ने जींद को भारत में शामिल करने के लिए आंदोलन किया और वहां समानांतर सरकार बनाई। तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल द्वारा जींद को पंजाब में सम्मिलित करने के समझौते के बाद ही यह आंदोलन समाप्त हुआ।
1968 के मध्यावधि चुनावों में वे भिवानी विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। 1972 में फिर से विधायक बने एवं सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुने गए । गुप्ता जी बिजली एवं सिंचाई, कृषि, स्वास्थ्य आदि विभिन्न विभागों के मंत्री रहे। 1975 में इन्हें हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया। 1987 में एक बार फिर भिवानी से विधायक बने और उप-मुख्यमंत्री चुने गए। 1989 में एक बार फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। सितम्बर 1990 में आप पर एक जानलेवा हमला भी हुआ। 1996 में आप राज्य सभा के लिये चुने गए।
बनारसी दास गुप्ता द्वारा अनेक धार्मिक संस्थाओं की स्थापना की गई। आप अस्पृश्यता के घोर विरोधी थे। आपके योग प्रेम एवं प्रकृति प्रेम के फलस्वरुप ही भिवानी में प्राकृतिक चिकित्सालय की स्थापना हुई। आपके सहयोग से भिवानी में कई शैक्षणिक संस्थाएं अस्तित्व में आई। एक जननेता, समाजसेवी और शिक्षाविद होने के साथ ही आपका एक रूप पत्रकार का भी रहा हे जिसे बहुत कम लोग जानते हैं। शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी बनारसी दास गुप्ता का विशेष योगदान रहा था। उन्होंने कई शिक्षण संस्थाएं स्थापित कीं।
श्रमिकों को संगठित करके उन्हें अपने अधिकार प्राप्त कराने में भी बनारसी दास गुप्ता सहायक रहे। आप कई वषो तक साप्ताहिक ‘अपना देश’ और ‘हरियाणा केसरी’ के सम्पादक रहे। ‘पंचायती राज – क्यों और कैसे’ के नाम से आपने एक पुस्तक लिखी, जो बहुत लोकप्रिय हुई। विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं से भी आप जुडे रहे। हरियाणा प्रदेश के अपने मुख्यमंत्री काल में उन्होंने राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता को मजबूत बनाकर हरियाणा की प्रगति में अपना बहुमूल्य योगदान दिया |
श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता अरुण जैन ने की तथा उन्होंने कहा बनारसी दास गुप्ता हिंदी भाषा के पक्षधर और यथार्थवादी आदर्श जननायक थे उन्होंने ‘अपना देश ‘ हरियाणा केसरी’ और ‘हरियाणा कांग्रेस पत्रिका’ के द्वारा राजनीतिक जागृति तथा समाज सुधार के क्षेत्र में योगदान दिया |
श्रद्धांजलि समारोह में गौरव सतीजा, संजीव सुनेजा, कपिल धवन, अजीत सैनी, अमित सुनेजा, बृजभान ,मुन्ना बावा ,सुरेश कश्यप तथा विनय मधु आदि मुख्य रूप से मौजूद थे