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माइक्रो और स्मॉल व्यापारियों से की गई खरीद की पेमेंट निर्धारित समय सीमा में ना देने पर परचेज की आउटस्टैंडिंग पेमेंट से बढ़ सकती है टैक्स की देनदारी

गोहाना :-25 अप्रैल : परचेज की आउटस्टैंडिंग पेमेंट से टैक्स की देनदारी बढ़ सकती है। आयकर अधिनियम में जोड़ी गई नई धारा के संदर्भ से यह चेतावनी गोहाना सी. ए. एसोसिएशन के अध्यक्ष और सीनियर चार्टर्ड एकाउंटेंट कर्मबीर लठवाल ने दी।

कर्मबीर लठवाल सी. ए. एसोसिएशन की बैठक को संबोधित कर रहे थे। संयोजन सी.ए. नवीन गर्ग ने किया। अध्यक्ष लठवाल के अनुसार इनकम टैक्स एक्ट में धारा 43 बी (एच) जोड़ी गई है। यह धारा एक अप्रैल 2023 से प्रभावी हुई है।

सी.ए. एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि अगर अब माइक्रो और स्मॉल व्यापारियों से की गई खरीद पर निर्धारित समय सीमा में पेमेंट नहीं की गई और यह पेमेंट उस लेखा वर्ष के अंतिम दिन 31 मार्च तक भी बाकी रही, उस देनदारी को विक्रेता की आय में जोड़ कर उससे अतिरिक्त आयकर वसूल लिया जाएगा।

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कर्मबीर लठवाल ने खुलासा किया कि माइक्रो व्यापारी वह है जिसकी प्लांट और मशीनरी में इंवेस्टमेंट 1 करोड़ से ज्यादा न हो और उसका वार्षिक टर्न ओवर 5 करोड़ से अधिक न हो। इसी तरह से स्मॉल व्यापारी के लिए ये सीमाएं 10 करोड़ और 45 करोड़ हैं।

एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि अगर माल के क्रेता और विक्रेता के बीच में पेमेंट की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है, तब यह सीमा 15 दिन की होगी । दोनों पक्ष अगर सहमत हों, तब भी यह समय सीमा अधिकतम 45 दिन की हो सकती है।

कर्मबीर लठवाल ने आगाह किया कि आउटस्टैंडिंग पेमेंट का भुगतान जिस लेखा वर्ष में किया जाएगा, उसी में उसकी छूट का भुगतान मिलेगा । अगर 31 मार्च 2024 तक वित्त वर्ष 2023-24 की कोई पेमेंट निश्चित समय के बाद भी आउटस्टैंडिंग है तो उसे क्रेता की आय में जोड़ कर विभाग आयकर वसूलेगा ।

बैठक में सी.ए. पारुल गुप्ता, सी. ए. सौरभ गोयल, सी.ए. अदिति गोयल, सी. ए. सोनू फोर आदि भी उपस्थित रहे।

 

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