मुआवजे के लिए दोबारा दस्तावेज देने की शर्त गोहाना में धरने पर बैठे किसानों को मंजूर नहीं
गोहाना :-24 अप्रैल : सोनीपत जिले के किसान गोहाना शहर के लघु सचिवालय में 87 दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। पूर्व सी.एम. मनोहर लाल खट्टर ने वायदा किया था कि जल्दी ही किसानों को उनकी खराब हुई फसलों का मुआवजा मिल जाएगा।
उसी की कड़ी में बुधवार को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीम धरना स्थल पर पहुंची। टीम ने किसानों को मुआवजा पाने के लिए अपने दस्तावेज दोबारा जमा करवाने के लिए कहा। किसानों ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया ।
2021 और 2022 की रबी और खरीफ की खराब हुई फसलों का किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। इसी के खिलाफ पूरे जिले के किसान गोहाना में आंदोलन कर रहे हैं। किसान 29 जनवरी से लघु सचिवालय में धरने पर जमे हुए हैं।
बुधवार को धरना स्थल पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीम पहुंची। यह टीम पूर्व सी.एम. मनोहर लाल खट्टर के ताजा गोहाना दौरे के बाद धरना स्थल पर आई। खट्टर ने आंदोलन कर रहे किसानों को वायदा किया था कि उनको जल्दी ही देय मुआवजे का भुगतान हो जाएगा।
अधिकारियों की टीम ने कहा कि किसानों को मुआवजा • हासिल करने के लिए अपने दस्तावेज दोबारा जमा करवाने होंगे। अधिकारियों का कहना था कि मुआवजा क्लेम करते हुए उनके दस्तावेज सही तरीके से अपलोड नहीं हो पाए और इस के चलते उनका मुआवजा बाधित हो गया ।
दोबारा दस्तावेज जमा करवाने के नाम पर किसान बिफर गए। भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने तर्क दिया कि दस्तावेज दोबारा मांगना नियमों का सरासर उल्लंघन है। उन्होंने स्मरण करवाया कि बीमा किस्त कटने के लिए 15 से 20 दिन में दस्तावेज लिए जाते हैं जब कि अब तो दो से तीन साल बीत चुके हैं।
किसानों ने विभाग को दोबारा दस्तावेज देने से इस आधार पर साफ इंकार कर दिया कि मांगे जा रहे दस्तावेज पहले से सरकार के पास हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी आरोपी रिलायंस बीमा कम्पनी से सांठगांठ किए हुए हैं तथा मुआवजा न देने के लिए शर्त लगाई जा रही है। भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष नरवाल ने कहा कि रिलायंस बीमा कम्पनी मुआवजा न देने के लिए निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद किसानों की पॉलिसियां तक रद्द कर चुकी है। उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि इस कम्पनी के खिलाफ किसानों से धोखाधड़ी करने का केस दर्ज होना चाहिए।