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गोहाना में धरने पर बैठे किसानों का बड़ा फैसला-मुआवजे के लिए अब हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे

गोहाना :-20 मार्च : फसलें खराब होने पर मुआवजा न देने से परेशान किसान बीमा कंपनी के विरुद्ध पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण लेंगे। उपमंडलीय परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों ने बुधवार को यह निर्णय लिया। किसानों की फसलें खराब हो गई थीं और बीमा कंपनी ने मुआवजा देने की जगह उनका प्रीमियम वापस लौटा दिया था।

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भारतीय किसान यूनियन चढूनी के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने कहा कि 2021 व 2022 में जिले के हजारों किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसलों का बीमा करवाया था। जुलाई 2022 में खरीफ के सीजन में किसानों ने बीमा करवाया था। कंपनी 60 दिन के भीतर किसानों का प्रीमियम वापस लौटा सकती है लेकिन नवंबर-दिसंबर में जब फसल कटाई प्रयोग हुआ काफी किसानों की फसल खराब मिली। उसके बाद कंपनी ने 1752 किसानों का बीमा रद्द कर दिया। नरवाल ने आरोप लगाया कि जहां फसलें खराब नहीं हुई वहां पर लगभग 21 हजार किसानों का प्रीमियम कंपनी ने अपने पास रख लिया। अब राज्य की कमेटी बीमा कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रही है। बीमा कंपनी द्वारा किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया किसान मुआवजे की मांग को लेकर 29 जनवरी से उपमंडलीय परिसर में धरना दे रहे हैं। सरकार के प्रतिनिधि और बीमा कंपनी के अधिकारी किसानों की सुध नहीं ले रहे हैं। ऐसे में किसान अब बीमा कंपनी के विरुद्ध उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे। भाजपा
नेता जब चुनाव प्रचार के लिए आएंगे तो उनसे सवाल भी लिए जाएंगे। इस मौके पर पालाराम, रामकिशन, रमेश, कर्मबीर, जोगेंद्र, सतीश, बिजेंद्र सिंह, राजू, धर्मेंद्र मौजूद रहे।

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