कटरा और अमृतसर से नई दिल्ली तक चलेगी नई वंदे भारत एक्सप्रेस, भक्तों को मिलेगा फायदा
अंबाला मंडल ने कालका-शिमला विश्व धरोहर रेल सेक्शन पर एक नई ट्रेन के संचालन का फैसला किया है जोकि 15 दिसंबर से चालू हो जाएगी।

अंबाला :- अमृतसर और कटरा से नई दिल्ली के बीच नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन होगा। इसी प्रकार आनंद विहार से अयोध्या और वाराणसी से नई दिल्ली के बीच वंदे भारत शुरू की जाएगी। दो वंदे भारत के रैक उत्तर रेलवे को मिल चुके हैं और दो रैक का इंतजार हो रहा है जोकि जल्द ही मिल जाएंगी। वहीं चंडीगढ़-अजमेर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की अधिसूचना आगामी दो-चार दिनों में जारी हो जाएगी। ये जानकारी अंबाला रेल मंडल के प्रबंधक मंदीप सिंह भाटिया ने दी।
कालका-शिमला सेक्शन पर सैलानियों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। आगामी कुछ दिनों में शिमला में बर्फबारी के संकेत भी मिले हैं। वहीं रेल मोटर कार की बुकिंग को लेकर भी आग्रह प्राप्त हो रहे हैं। इसलिए अंबाला मंडल ने कालका-शिमला विश्व धरोहर रेल सेक्शन पर एक नई ट्रेन के संचालन का फैसला किया है जोकि 15 दिसंबर से चालू हो जाएगी। मौजूदा समय में पांच जोड़ी ट्रेनों का संचालन उक्त मार्ग पर किया जा रहा है जोकि दोनों दिशाओं में आवागमन कर रही हैं।
कोहरे के मौसम में ट्रेनों का संचालन एक बड़ी चुनौती होती है। इसलिए चालकों को विशेष निर्देश जाते हैं कि रेल मार्ग पर जितनी दृश्यता होगी, उसी आधार पर ट्रेन की गति रखें ताकि दुर्घटना न हो। इस दौरान ट्रेनों के संचालन में देरी भी हो जाती है लेकिन यात्रियों की सुरक्षा बेहद जरूरी है।
मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि उत्तर रेलवे का अंबाला मंडल सभी पांचों मंडलों समय की पाबंदी में सबसे अव्वल है। अंबाला मंडल से गुजरने वाली 90 प्रतिशत ट्रेनों का संचालन समय पर किया जाता है जो 10 प्रतिशत है वो चेन पुलिंग या फिर कुछ अन्य कारणों से लेट हो जाती हैं। फिरोजपुर मंडल की समय पर चलने वाली ट्रेनों की संख्या 80 प्रतिशत और लखनऊ व मुरादाबाद मंडल के अधीन समय पर चलने वाली ट्रेनों की संख्या 50 से 55 प्रतिशत है।
नई दिल्ली से चंडीगढ़ के बीच सेमी हाई स्पीड ट्रेन के संचालन की योजना है। यह एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। हालांकि अभी यह कागजो में ही है। अब यह जमीन के अंदर चलेगी या फिर खंभों के सहारे जमीन की सतह से ऊपर, यह जानकारी आने वाले समय में ही मिल पाएगी क्योंकि इस परियोजना में करोड़ों रुपये नहीं बल्कि अरबों रुपये खर्च होते हैं।


