हरियाणा के गन्ना किसानों को दिवाली का तोहफा, सरकार ने बढ़ाया दाम, अगले साल 400 रुपये क्विंटल में होगी खरीद
पंजाब में गन्ने का मूल्य 380 रुपये है। नए फैसले से अब हरियाणा आगे निकल गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि राज्य सरकार सदैव किसान हित में निर्णय लेती है और हम उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्धत हैं। प्रदेश के किसान भाई बहुत ही परिश्रम से खेती करते हैं।
चण्डीगढ़ :-हरियाणा सरकार ने गन्ना उत्पादक किसानों का दिवाली का तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को गन्ने की अगेती किस्म के लिए 372 रुपये में 14 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 386 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अगले साल के लिए भी गन्ने के रेट में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है।
पंजाब में गन्ने का मूल्य 380 रुपये है। नए फैसले से अब हरियाणा आगे निकल गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि राज्य सरकार सदैव किसान हित में निर्णय लेती है और हम उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्धत हैं। प्रदेश के किसान भाई बहुत ही परिश्रम से खेती करते हैं और अपनी उपज बाजार में बेचकर हरियाणा की आर्थिक स्थिति को मजबूत करते हैं। इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां 14 फसलों की खरीद एमएसपी पर की जाती है। इस साल 424 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा गया है।
हरियाणा सरकार ने नौ महीने में दूसरी बार गन्ने का मूल्य बढ़ाया है। इससे पहले 25 जनवरी को हरियाणा सरकार ने गन्ने की कीमत में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी। जनवरी में मूल्य बढ़ने पर राज्य में गन्ने की कीमत 372 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था। इससे पहले राज्य में 362 रुपये की दर से गन्ने की खरीद की जा रही थी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदश अध्यक्ष रतन मान ने कहा कि सरकार की पहल सराहनीय है। मगर महंगाई को देखते हुए यह मूल्य करीब 450 रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए। गन्ने की खेती पर ज्यादा खर्च होता है। इसी साल इसी साल जनवरी के महीने में किसानों ने गन्ने का दाम बढ़ाने को लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान किसानों ने विरोध कर किसानों ने राज्य की 14 मिलों के मुख्य प्रवेश द्वारों पर ताला लगाकर गन्ने की आपूर्ति बंद कर दी थी। इससे राज्य की कई चीनी मिल बंद हो गई थी। कई जगह ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी। विरोध कर रहे किसान गन्ने के राज्य अनुशंसित मूल्य को 362 रुपये से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग कर रहे थे। उसके बाद सरकार ने गन्ने के रेट में दस रुपये की बढ़ोतरी की थी।


