पैरा एशियन गेम्स में गोहाना के मिर्जापुर खेड़ी के पावर लिफ्टर अशोक मलिक ने देश की झोली में डाला कांस्य पदक
गोहाना:- चीन के हांगझोऊ में आयोजित हो रहे पैरा एशियन गेम्स में गांव मिर्जापुर खेड़ी के पावर लिफ्टर अशोक मलिक ने देश की झोली में कांस्य पदक डाला है। उनके पदक जीतते ही गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। किसान परिवार में जन्मे अशोक के पिता का पहले ही निधन हो गया था। जिसके बाद उनकी मां ने दूध बेचकर बेटे को खेलों की तैयारी कराई। अब बेटे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर गांव का नाम रोशन किया है।
मिर्जापुर खेड़ी निवासी अशोक मलिक जब महज तीन साल के थे तो उन्हें बुखार हुआ था। उसके बाद उनके पैर पैरालाइज हो गए। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और खेलों में भाग्य आजमाने लगे। अब चीन में उन्होंने पैरा एशियन गेम्स में पैरा लिफ्टिंग में 65 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य जीता है। अशोक ने इसका श्रेय पैरा पावर लिफ्टिंग के मुख्य प्रशिक्षक जेपी सिंह के साथ ही टीम के सदस्य तनवीर, विकास मलिक व नितिन आर्य को दिया है। अशोक एक किसान परिवार के सदस्य है।
उनके पिता पिता सुरेश मलिक का दो साथ पहले निधन हो गया था। उसके बाद भी उनकी मां केला देवी ने हिम्मत नहीं हारी और भैंस पालकर व दूध बेचकर बेटे की खेलों में बेहतर तैयारी कराई। अशोक के भाई सुनील ने बताया कि वह तीन भाई हैं और खेती कर गुजारा कर रहे हैं। गांव में पावर लिफ्टिंग के खेल की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में अशोक ने गोहाना व सोनीपत जाकर अभ्यास किया। अशोक ने वर्ष 2012 में खेलना शुरू किया था। वह लगातार मेहनत कर रहे हैं और खेल क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। उनकी खेल के प्रति रूचि को देखते हुए वह अशोक का पूरा सहयोग कर रहे हैं। वह इससे पहले हुए एशियन गेम्स में चोट लगने के कारण पदक नहीं जीत पाए थे, लेकिन इस बार उन्होंने पदक जीतकर गांव का मान बढ़ाया है।



