पानीपत में फैक्टरी में पानी के टैंक में डूबने से तीन श्रमिकों की मौत, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मयंक मिश्रा और सनौली थाना प्रभारी सुनील कुमार मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दमकल कर्मियों की मदद के साथ तीनों को बाहर निकाला और सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
पानीपत :- हरियाणा के पानीपत जिले में हरिद्वार रोड पर स्थित गांव जलालपुर के नजदीक गोरजा इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड फैक्टरी में रविवार तड़के बड़ा हादसा हो गया। यहां पानी के टैंक में डूबने से तीन श्रमिकों की मौत से हड़कंप मच गया। इनमें से दो ट्रैक्टर चालक और एक इलेक्ट्रिक फिटर था। परिजनों ने फैक्टरी मालिक और अन्य कर्मचारियों पर हत्या का आरोप लगाया और जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची एंबुलेंस के शीशे गुस्साए लोगों ने तोड़ डाले। सहायक पुलिस अधीक्षक मयंक मिश्रा पुलिस बल के साथ घटनास्थल पहुंचे। पुलिस ने शवों को बाहर निकाल कर सिविल अस्पताल स्थित शवगृह में रखवा दिया है।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी सुरेश, पानीपत के रसलापुर निवासी कुर्बान और इस्लाम गोरजा इंटरनेशनल फैक्टरी में काम करते थे। वह तीनों रविवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे पानी के टैंक में गए थे। बताया जा रहा है कि तीनों संदिग्ध परिस्थितियों में गिर गए। फैक्टरी के सुपरवाइजर का कहना है कि तीनों पैर फिसलने के बाद टैंक में गिरे। जानकारी मिलते ही तुरंत बचाव कार्य किया।वहीं घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मयंक मिश्रा और सनौली थाना प्रभारी सुनील कुमार मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दमकल कर्मियों की मदद के साथ तीनों को बाहर निकाला और सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने लगाया हत्या का आरोपउधर, सूचना मिलते ही परिजन फैक्टरी पहुंचे। परिजनों ने जमकर हंगामा किया। उनका आरोप है कि तीनों की रात में हत्या की गई है और हादसे दिखाने की खातिर तीनों को पानी के टैंक में फेंक दिया गया। परिजनों का आरोप है की फैक्टरी मालिक ने सीसीटीवी कैमरे भी हटा दिए हैं।
रसलापुर निवासी इस्लाम और कुर्बान फैक्टरी में ट्रैक्टर चालक थे। वहीं गोरखपुर निवासी सुरेश इलेक्ट्रिक फिटर के रूप में काम करता था
उधर, घटना से गुस्साए लोगों ने मौके पर पहुंची एंबुलेंस के शीशे भी तोड़ डाले। वहीं हादसे की सूचना मिलते ही फैक्टरी मालिक भी मौके पर पहुंचा लेकिन आक्रोशित भीड़ को देखकर फरार हो गया।
इस फैक्टरी में चादर और कंबल का उत्पादन होता है। इससे निकलने वाले दूषित केमिकल युक्त पानी को बेसमेंट में करीब 15 फुट गहरे और 20 फुट लंबे टैंक में जमा किया जाता था। जानकारी के मुताबिक इस टैंक की क्षमता करीब 7000 लीटर की है। बताया जा रहा है कि फैक्टरी मालिक केमिकल युक्त पानी को चोरी से रात 7:00 से सुबह 6:00 बजे तक ट्रेन नंबर दो में टैंकरों से डलवाता है।
प्राथमिक रूप से जानकारी मिली है कि इस्लाम और कुर्बान की मौत गैस की चपेट में आने से हुई है। उनको बचाने सुरेश आया तो वह भी टैंक में गिर गया। दमकल विभाग ने गैस को निष्क्रिय करने वाले केमिकल का छिड़काव करने के बाद तीनों को बाहर निकाला। मगर किसी की जान नहीं बच सकी।
फिलहाल फैक्टरी को सील कर पुलिस कब्जे में ले लिया है। पुलिस हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गई थी। मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। – मयंक मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक।