हरियाणा में कार्यवाहक DGP की तैयारी ; UPSC पैनल आने में देरी, पंजाब फॉर्मूला अपनाएगी सरकार ; 15 अगस्त को खत्म हो रहा है कार्यकाल
हरियाणा में नए पुलिस महानिदेशक (DGP) की नियुक्ति करने में हरियाणा सरकार पंजाब का फॉर्मूला अपनाएगी। जिसमें सरकार राज्य में कार्यवाहक DGP लगाएगी। इसमें किसी दूसरे डीजीपी को ही चार्ज दे दिया जाएगा। असल में UPSC की तरफ से डीजीपी को लेकर पैनल भेजने से पहले जो सवाल-जवाब और देरी का रुख दिखाया जा रहा है, उससे सरकार चिंता में है।
खासकर UPSC को भेजे जाने वाले संभावित DGP की लिस्ट में 1988 बैच के IPS अधिकारी मनोज यादव को शामिल किए जाने का मुद्दा अभी भी बना हुआ है। मौजूदा डीजीपी का कार्यकाल 15 अगस्त को खत्म हो रहा है।
इन कारणों से राज्य अपना रहे वैकल्पिक मार्ग
हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब सहित दूसरे अन्य राज्यों में भी कार्यवाहक DGP की नियुक्ति के मामले सामने आ चुके हैं। सरकारों के पास UPSC को भेजे जाने वाले पैनल में कमी या इसकी तैयारियों में होने वाली देरी को देखते हुए UPSC के द्वारा DGP की नियुक्ति रोकी जा रही है। ऐसे में इन राज्यों में कार्यवाहक DGP की नियुक्ति की गई। सरकार के सूत्रों के अनुसार, यदि हरियाणा ऐसा करता है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
देरी को देखते हुए फैसला
वर्तमान में DGP पीके अग्रवाल का कार्यकाल खत्म होने में 15 दिन का समय बचा है। ऐसे में यदि आयोग DGP पैनल में मनोज यादव का नाम शामिल नहीं करने पर सहमत भी होता है तो भी प्रक्रिया पूरी होने में समय लगेगा। ऐसे में यह निश्चित है कि सरकार सूबे के पुलिस मुखिया के पद को खाली नहीं रखते हुए कार्यवाहक DGP की नियुक्ति का फैसला लेगी।
इसलिए हो रही है देरी
हरियाणा सरकार ने 11 जुलाई को पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के लिए पैनल तैयार किया था। इसमें IPS मनोज यादव का नाम शामिल नहीं किया गया। पैनल में 9 IPS अफसरों के नाम UPSC को भेजे गए थे। इसके बाद UPSC ने सरकार के पैनल में कमियां बताकर फाइल लौटा दी थी और यादव का नाम शामिल करने के लिए कहा था।
हाल ही में सरकार की ओर से UPSC को इसका जवाब दिया गया है, लेकिन अभी तक इस पर UPSC ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।