बच्चों को सुरक्षा व सुरक्षित माहौल प्रदान करना हम सबकी पहली जिम्मेदारी-उपायुक्त सुशील सारवान
बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए भारत सरकार ने लागू किया पोक्सो एक्ट

सोनीपत, (अनिल जिंदल ), 09 जुलाई। उपायुक्त सुशील सारवान ने जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों के प्रति होने वाले किसी भी प्रकार के यौन अपराध, दुव्र्यवहार या शोषण की घटनाओं को नजरअंदाज न करें और तुरंत संबंधित प्राधिकरण को सूचित करें, क्योंकि बच्चों के यौन शोषण से संरक्षण हेतु भारत सरकार द्वारा पोक्सो एक्ट, 2012 लागू किया गया है।
उन्होंने कहा कि पोक्सो एक्ट 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की शारीरिक, मानसिक एवं यौन सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इस अधिनियम के अंतर्गत बच्चों के साथ यौन उत्पीडऩ, छेड़छाड़, अश्लील इशारे, अश्लील वीडियो या चित्र दिखाना या अन्य किसी भी प्रकार का शोषण दंडनीय अपराध माना गया है और दोषियों को कठोर सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि बच्चों को उनपर होने वाले अत्याचारों से बचाने के लिए समाज के प्रत्येक नागरिक, विशेष रूप से माता-पिता, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, पंचायत प्रतिनिधि, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कर्मी तथा विद्यालय व धार्मिक संस्थानों के प्रबंधक जिला प्रशासन का सहयोग करें ताकि बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा सके।
उपायुक्त ने कहा कि बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करें और किसी भी आपत्तिजनक घटना की सूचना गोपनीय रूप से तुरंत पुलिस (112), चाइल्डलाइन (1098) या जिला बाल संरक्षण इकाई, सोनीपत(कमरा नंबर- 304, लघु सचिवालय सोनीपत) को दें। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पीडि़त बच्चे की पहचान गोपनीय रखना कानूनी दायित्व है और सूचना न देना या छिपाना भी कानूनन अपराध है। बच्चों को एक सुरक्षित, संरक्षित एवं सम्मानजनक वातावरण प्रदान करना केवल सरकार की नहीं, हम सभी की सामाजिक, नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है। अत: यदि आप किसी भी प्रकार के शोषण की जानकारी रखते हैं तो चुप न रहें, आवाज उठाएं-क्योंकि आपकी सतर्कता किसी मासूम का जीवन संवार सकती है।