जल शक्ति अभियान के अंतर्गत किए गए कार्यों की समीक्षा करने के लिए एस रूकमनी ने किया बली कुतुबपुर व जांटी कलां गांव का दौरा
जल संरक्षण एवं संचय के लिए आपसी तालमेल के साथ करें कार्य-संयुक्त सचिव एस रूकमनी

धान की जगह अन्य फसल उगाने के लिए किसानों को करें जागरूक, ताकि पानी की हो सके बचत
जल शक्ति अभियान जिला की सैंटरल नोडिल ऑफिसर एस रूकमनी ने जल शक्ति अभियान के तहत अधिकारियों के साथ की बैठक, दिए आवश्यक दिशा निर्देश
सोनीपत, (अनिल जिंदल ) 04 जुलाई। जल शक्ति अभियान के अंतर्गत किए गए कार्यों की समीक्षा करने के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त निदेशक एवं जल शक्ति अभियान जिला सोनीपत की सैंटरल नोडिल ऑफिसर एस रूकमनी ने गांव बली कुतुबपुर व जांटी कलां सहित यमुना स्थित भैरा बामीपुर खाट का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अभियान के तहत घरों में नल से जल पहुंचाने के लिए किए गए पानी कनेक्शनों तथा वर्षा जल संचय के लिए बनाए गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की भी जांच की।
दौरे से पहले संयुक्त निदेशक ने लघु सचिवालय में जल शक्ति अभियान से जुड़े विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी तालमेल के साथ कार्य करते हुए जल शक्ति अभियान के अंतर्गत दी गई जिम्मेदारियों को समयबद्घ पूरा करें। जिलेभर में वर्षा जल संचय को लेकर आमजन को जागरूक करें, क्योंकि जल संरक्षण में हर व्यक्ति की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। ऐसे में कैच दा रेन थीम के तहत जल संचय के लिए प्लान तैयार करें और उस पर गंभीरता के साथ काम करें।
बैठक में उन्होंने जल संरक्षण से सीधे तौर से जुड़े विभागों जैसे सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, जनस्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज, बागवानी विभाग आदि से उनके द्वारा जल शक्ति अभियान के तहत बनाई गई कार्य योजना के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पानी का अधिक दोहन होने के कारण भू-जल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है। बारिश के पानी के संचय के लिए प्राचीन संसाधनों को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ नए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाएं और आमजन को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए। वर्षा का जल संचय जल सरंक्षण के लिए अहम है।
उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को मेरी फसल मेरा पानी योजना के अंतर्गत धान की बजाए अन्य फसल उगाने के प्रति प्रेरित करें, क्योंकि धान की फसल में अधिक पानी खर्च होता है। इसके साथ ही जो किसान धान की फसल को नहीं छोडऩा चाहते, उन्हें डीएसआर विधि से धान लगाने के प्रति प्रोत्साहित करें और सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान के बारे में भी बताए।
संयुक्त निदेशक ने सिंचाई विभाग, पंचायत विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधारिकरण तथा नगर निकाय विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग व रिचार्ज बोरवैल सिस्टम लगाएं, ताकि भू जल स्तर को सुधारा जा सके। पंचायत विभाग तालाबों को जीर्णोद्धार करें। वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विभिन्न विभागों द्वारा स्कूलों में लगाए गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की उचित देख रेख करें। इसके साथ-साथ बच्चों को जल संरक्षण एवं जल संचयन के बारे में जागरूक करें। इसी प्रकार उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अधिक से अधिक पौधा रोपण करें। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गांव गांव में जल बचाने हेतू जागरूकता कार्यक्रम चलाएं।
अतिरिक्त उपायुक्त लक्षित सरीन ने कहा कि सभी का दायित्व है कि जल शक्ति अभियान में अपना-अपना भरपूर सहयोग करें। जल शक्ति अभियान का कार्य प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जाए। जल बचाने में और उसका सदुपयोग करने में आमजन के सहयोग की आवश्यकता है। अत्याधिक मात्रा में हो रहे भूजल दोहन से डार्क जोन में जाने से बचने के लिए वर्षा जल संचय करना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। सभी विभाग अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रूप से अग्रणी भूमिका निभाएं, ताकि जल का संचय किया जा सके। उन्होंने आमजन से भी आह्वान किया कि वे पानी को व्यर्थ को न बहाएं।
इस अवसर पर एसीयूटी योगेश दिल्हौर, सीईओ जिला परिषद अभय सिंह जांगड़ा, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के एसई राजीव गुप्ता, एक्सईएन गौतम कुमार, पीडब्ल्यूडी विभाग से एक्सईएन पंकज गौड व प्रशांत कौशिक, सहायक कृषि अभियंता नवीन हुड्डïा, सीडीपीओ गीता गहलावत सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।