Haryana

Chandigarh ‘: 5 साल में 30 लाख चालान, फिर भी ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की भरमार

Chandigarh , जिसे ‘सिटी ब्यूटीफुल’ कहा जाता है, अब ‘चालानगढ़’ के नाम से मशहूर हो रहा है। इसकी वजह है ट्रैफिक नियमों की कड़ाई और तेज़ी से ऑनलाइन चालान कटने की प्रक्रिया। शहर में ट्रैफिक नियमों को लेकर इतनी सख्ती है कि अगर कोई रेड लाइट जंप करता है या हेलमेट नहीं पहनता, तो तुरंत ऑनलाइन चालान उसके मोबाइल पर पहुंच जाता है। इसके बावजूद लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।

चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस ने पिछले पांच वर्षों में कुल 29 लाख 97 हजार 302 चालान काटे हैं। इसके बावजूद ट्रैफिक नियमों की अनदेखी जारी है। खास बात यह है कि 7,691 ऐसे वाहन चालक हैं जिन्होंने 5 वर्षों में 25 बार से अधिक ट्रैफिक नियम तोड़े। यानी वे लगातार चालान भरने के बावजूद गलतियां दोहरा रहे हैं।

सबसे अधिक चालान रेड लाइट जंप करने और हेलमेट न पहनने पर हुए। RTI से मिली जानकारी के अनुसार, चालान भरने की दर भी काफी कम है। अब तक कुल 30 लाख चालानों में से सिर्फ 18 लाख 27 हजार 532 चालान ही भरे गए, जबकि करीब 11.70 लाख चालान अभी भी लंबित हैं।

2024 में सबसे ज्यादा बकाया चालान

वर्ष 2024 में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और चालान न भरने का रिकॉर्ड बना है। आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में जारी किए गए चालानों में से 77% अभी भी बकाया हैं। इस साल अब तक कुल 9,91,833 चालान काटे गए, लेकिन इनमें से 7,58,834 चालान अब भी पेंडिंग हैं।

Chandigarh ': 5 साल में 30 लाख चालान, फिर भी ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों की भरमार

सबसे ज्यादा रेड लाइट और ओवरस्पीडिंग के चालान

RTI रिपोर्ट के अनुसार, चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा चालान रेड लाइट जंप करने और ओवरस्पीडिंग के लिए काटे गए हैं।

  • 2022 में कुल 5,96,795 चालान काटे गए, जिनमें से 1,83,409 रेड लाइट जंप और 1,89,688 ओवरस्पीडिंग के लिए थे।
  • 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 9,90,069 हो गया, जिसमें 4,27,892 रेड लाइट जंप और 2,07,953 ओवरस्पीडिंग के लिए थे।
  • 2024 में अब तक 9,91,748 चालान हो चुके हैं, जिनमें से 5,01,289 रेड लाइट जंप और 1,47,609 ओवरस्पीडिंग के लिए हुए हैं।

महिलाओं पर भी बड़ी संख्या में चालान

ट्रैफिक नियमों की सख्ती से महिलाओं पर भी चालान बढ़े हैं। RTI डेटा के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में 50 हजार से अधिक महिलाओं का चालान सिर्फ हेलमेट न पहनने के लिए हुआ है। वहीं, 19 हजार पुरुष भी इसी गलती के लिए पकड़े गए।

334 करोड़ रुपये खर्च, फिर भी ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर काबू नहीं

चंडीगढ़ में ट्रैफिक कंट्रोल को और प्रभावी बनाने के लिए 334 करोड़ रुपये की लागत से ‘इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर’ (ICCC) स्थापित किया गया। इस सेंटर के तहत शहर के 47 प्रमुख चौराहों पर 2,000 हाई-टेक कैमरे लगाए गए ताकि ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।

WhatsApp Image 2024-08-03 at 12.46.12 PM
WhatsApp Image 2024-08-03 at 12.55.06 PM
c3875a0e-fb7b-4f7e-884a-2392dd9f6aa8
1000026761
WhatsApp Image 2024-07-24 at 2.29.26 PM

लेकिन RTI एक्टिविस्ट आर.के. गर्ग के मुताबिक, ये कैमरे सिर्फ चालान काटने तक ही सीमित रह गए और ट्रैफिक सुधार पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम से न तो कोई बड़ी राजस्व वसूली हुई और न ही नियम तोड़ने वालों की संख्या घटी।

ट्रैफिक नियमों की अनदेखी से सड़क हादसे बढ़े

भले ही ट्रैफिक पुलिस चालान काटने में सक्रिय हो, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं पर इसका असर देखने को नहीं मिला। पिछले कुछ वर्षों में चंडीगढ़ में कई सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें कई लोगों की जान चली गई।

  • 2021 में 208 सड़क हादसों में 96 लोगों की मौत हुई।
  • 2022 में 237 दुर्घटनाओं में 83 लोगों की जान गई।
  • 2023 में 182 हादसे हुए, जिनमें 67 मौतें हुईं।
  • 2024 के शुरुआती महीनों में ही 169 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 81 लोगों की जान चली गई।

ये आंकड़े बताते हैं कि चालान की संख्या बढ़ने के बावजूद सड़क सुरक्षा को लेकर लोग गंभीर नहीं हो रहे हैं।

लोग चालान क्यों नहीं भर रहे?

एक बड़ी समस्या यह है कि लोग चालान कटवाने के बाद उसे भरने से बच रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले पांच वर्षों में 11 लाख 69 हजार 770 चालान पेंडिंग हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं—

  1. लोगों में ट्रैफिक नियमों के प्रति लापरवाही – चालान कटने के बावजूद लोग नियम तोड़ना जारी रखते हैं।
  2. भुगतान प्रक्रिया की अनदेखी – ऑनलाइन चालान भुगतान के बावजूद कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।
  3. कोर्ट में लंबित मामले – कई लोग चालान को कोर्ट में चुनौती देते हैं, जिससे भुगतान में देरी होती है।
  4. प्रभावशाली लोगों को छूट – कई बार राजनीतिक या प्रशासनिक प्रभाव वाले लोगों के चालान नहीं भरे जाते।

क्या हो सकता है समाधान?

विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ चालान काटना ही समाधान नहीं है, बल्कि ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता और सख्ती भी जरूरी है।

  • सख्त कानून लागू करना: बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर लाइसेंस निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
  • जन जागरूकता अभियान: स्कूल-कॉलेज और सार्वजनिक स्थानों पर ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है।
  • चालान की वसूली प्रणाली को मजबूत बनाना: चालान भरने में देरी करने वालों पर जुर्माना बढ़ाया जाना चाहिए।

चंडीगढ़ में ट्रैफिक नियमों को लागू करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। हाई-टेक कैमरे और ऑनलाइन चालान व्यवस्था के बावजूद लोग नियम तोड़ रहे हैं। चालान न भरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इससे साफ है कि सिर्फ चालान काटने से समस्या हल नहीं होगी, बल्कि लोगों में ट्रैफिक नियमों का पालन करने की आदत डालनी होगी। वरना चंडीगढ़ को ‘सिटी ब्यूटीफुल’ से ‘चालानगढ़’ बनने से कोई नहीं रोक सकता।

Khabar Abtak

Related Articles

Back to top button