शिक्षा मंत्री श्री ढांडा ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को दिए सुझाव ; -प्रदेश की बोली को भाषा बनाने पर करें संस्कृत विश्वविद्यालय करें कार्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में हरियाणा को बनाना है देश में नंबर वन : शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा

-शिक्षा मंत्री ने कहा कि हॉर्टिकल्चर के माध्यम से महिलाएं दे सकती हैं दूसरों को रोजगार
सोनीपत, 19 फरवरी। हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में हरियाणा देश में पहला राज्य है, जिसने नीति को 2025 तक लागू करने की पहल की है। जब की राज्यों को केंद्र सरकार ने 2030 तक लागू करने का लक्ष्य दिया है। उन्होंने कहा कि हॉर्टिकल्चर के माध्यम से महिलाएं व्यवसाय करके अन्य लोगों को भी रोजगार देने का कार्य कर सकती हैं।
शिक्षा मंत्री आज दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल (सोनीपत) में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालयों की बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। सर्व प्रथम उन्होंने दीनबंधु छोटू राम की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजिल दी। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय के न्यूज लेटर शिक्षा का भी विमोचन किया।
इस दौरान शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर प्रदेश के विश्वविद्यालय द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है। हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद के साथ मिलकर सभी कुलपति गंभीरता के साथ कार्य करें, ताकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्ण रूप से तय समय पर लागू किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे पास हर विषय के विशेषज्ञ हों, इस पर हम सबको मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
उन्होंने संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति को सुझाव देते हुए कहा कि हरियाणवी बोली को भाषा कैसे बनाया जाए, ताकि प्रदेश के गौरवशाली संस्कृति व साहित्य को लिपिबद्ध किया जा सके। उन्होंने सुपवा के कुलपति को कहा कि जिस प्रकार पंजाब व देश के दक्षिणी राज्यों ने वहां की संस्कृति, कला, वाद्य यंत्र व लोक संगीत पर कार्य किया है, उसी प्रकार से प्रदेश के विश्वविद्यालय को भी हरियाणा की संस्कृति, कला, वाद्य यंत्र व लोक संगीत पर कार्य करना चाहिए।
इस मौके पर उच्चतर शिक्षा व तकनीकी शिक्षा के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री विनीत गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि देश को विकसित राष्ट्र बनाने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अहम योगदान होगा। विश्वविद्यालयों को उद्योगपतियों के साथ मीटिंग करके ऐसा पाठ्यक्रम बनाना चाहिए, जिससे हमारे उद्योगों की आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। इससे विद्यार्थियों को भी शिक्षा ग्रहण करने के बाद रोजगार मिल सकेगा।
बैठक में उच्चतर शिक्षा महानिदेशक श्री राहुल हुड्डा, हरियाणा उच्चतर शिक्षा काउंसिल के अध्यक्ष प्रो.कैलाश चंद्र शर्मा, डीसीआरयूएसटी मुरथल के कुलपति प्रो. श्री प्रकाश सिंह, डीपी भारद्वाज, मुकेश गर्ग, तकनीकी शिक्षा व उपाध्यक्ष प्रो.एस.के.गखड़ व प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित रहे।


