सोनीपत नगर निगम मेयर उप-चुनाव के आखरी दिन कुल छह उम्मीदवारों ने किया नामांकन, 2.94 लाख मतदाता चुनेंगे नया मेयर
कांग्रेस का पंजाबी दांव काम करता है या बीजेपी का पंजाबी+वैश्य समीकरण जीत दिलाता है।

सोनीपत :-17 फरवरी : सोनीपत नगर निगम मेयर उप-चुनाव के आखरी दिन कुल छह उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। विभिन्न राजनीतिक दलों और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने अपनी दावेदारी पेश की है। भाजपा और कांग्रेस ने जातिगत समीकरणों को संतुलित करने के लिए अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। सोमवार को भाजपा -कांग्रेस समेत विभिन्न प्रत्याशी शक्ति प्रदर्शन करते हुए अपना नामांकन दाखिल करने सोनीपत नगर निगम कार्यालय पहुंचे।
कांग्रेस ने जहां पंजाबी मतदाताओं को लुभाने के लिए कमल दीवान को अपना प्रत्याशी बनाया है, वहीं भाजपा ने वैश्य समाज को जोड़ने के लिए राजीव जैन को टिकट दिया है। दोनों ही दलों की नजर सोनीपत नगर निगम उपचुनाव में निर्णायक भूमिका निभाने वाले पंजाबी समुदाय पर है।
इन प्रत्याशियों ने किया नामांकन :-
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से राजीव जैन और उनके कवरिंग कैंडिडेट दिव्यांक जैन
इंडियन नेशनल कांग्रेस (कांग्रेस) से कमल दीवान
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से धर्मवीर
आम आदमी पार्टी (आप) से डॉ. कमलेश कुमार सैनी
निर्दलीय उम्मीदवार रमेश कुमार खत्री
18 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी।
19 फरवरी को दोपहर 3 बजे तक उम्मीदवार नामांकन वापस ले सकते हैं।
19 फरवरी को ही दोपहर 3 बजे के बाद चुनाव चिन्ह आवंटित किए जाएंगे और मतदान केंद्रों की सूची प्रकाशित होगी।
02 मार्च को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा।
12 मार्च को मतगणना प्रक्रिया संपन्न होगी और नतीजे घोषित किए जाएंगे।
सोनीपत नगर निगम के अंतर्गत पंजाबी मतदाता तय करते हैं कि शहर में किसकी सरकार बनेगी। लेकिन दोनों ही दलों ने जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। आज अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशी जैन के नामांकन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली,सोनीपत विधायक निखिल मदान, गन्नौर विधायक देवेन्द्र कादियान, पूर्व विधायक निर्मल चौधरी समेत भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए।
वहीं कांग्रेस प्रत्याशी कमल दीवान के नामांकन में सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, हरियाणा कांग्रेस कमेटी सोनीपत के सह प्रभारी जितेंद्र बघेल,सोनीपत के पूर्व विधायक सुरेंद्र पवार,विधायक इंदु राज भालू व कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हुए। मेयर उपचुनाव में दोनों ही दलों के प्रत्याशियों के बीच कांटे और कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।
इस उपचुनाव में कुल 2,94,350 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वोटर्स 2 मार्च 2025 को मतदान के जरिए नगर निगम उपचुनाव का नया मेयर चुनेंगे। इस चुनाव को लेकर सोनीपत के दोनों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
सोनीपत में कांग्रेस पार्टी ने जातीय समीकरण साधने के लिए पंजाबी चेहरे कमल दीवान पर दांव खेला है।सोनीपत में करीब 78,000 पंजाबी वोटर हैं, जो नगर निगम चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। दूसरी तरफ शहर के आउटर एरिया में 18 गांव निगम में जोडे गए हैं।जो नगर निगम के अंतर्गत आते हैं।
जहां पर कुछ गांव में हुड्डा का प्रभाव है। पंजाबी वोटर और सोनीपत एरिया में हुड्डा प्रभाव को देखते हुए कांग्रेस के कमल दीवान को फायदा मिल सकता है इन्हीं जातीय समीकरण को देखते हुए कमल दीवान को टिकट दिया गया है।
2020 में हुए मेयर चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी निखिल मदान ने 13,872 वोटों से जीत हासिल की थी। उस दौरान आउटर ग्रामीण एरिया से उन्हें करीब 6,000 वोटों और शहर विधानसभा क्षेत्र से 7,000 वोटों की लीड मिली थी। हालांकि, 2024 के विधानसभा चुनाव में निखिल मदान कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए, जिससे कांग्रेस को झटका लगा था। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सुरेंद्र पवार को टिकट दिया था, लेकिन वे 30,000 से ज्यादा वोटों से हार गए। निखिल मदान एक अच्छे मार्जिन के साथ जीते थे। इस हार के पीछे मुख्य वजह यह मानी गई कि पंजाबी वोटरों का झुकाव निखिल मदान की तरफ चला गया। अब मेयर उपचुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर पंजाबी चेहरे पर दांव खेला है और कमल दीवान को उतार कर पंजाबी वोटर को अपने पक्ष में करना चाह रही है।
बीजेपी ने जातीय समीकरण को साधते हुए इस बार पंजाबी और वैश्य समाज के समर्थन को मजबूत करने के लिए राजीव जैन को टिकट दिया है।
सोनीपत में बीजेपी का विधायक निखिल मदान (पंजाबी समुदाय से) पहले से ही मौजूद है। अब बीजेपी ने मेयर पद के लिए वैश्य समाज से राजीव जैन को उम्मीदवार बनाकर अपने चुनावी समीकरण को मजबूत किया है। इससे भाजपा पंजाबी के साथ-साथ वैश्य व अन्य वर्गों को साधने का काम करेगी। सोनीपत विधानसभा सीट पर करीब 78,000 पंजाबी वोटर और करीबन 15000 वैश्य हैं।
भाजपा की रणनीति नजर आ रही है कि उनका विधायक पंजाबी समुदाय से है तो वहीं वैश्य समुदाय का मेयर बन जाता है तो इसके भाजपा की शहर में दो बड़े वोटर्स वर्ग पर पैठ बनी रहेगी।
बीजेपी में इस चुनाव के लिए 44 कार्यकर्ताओं ने टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन अंतिम रूप से राजीव जैन के नाम पर मुहर लगी।
बीजेपी में टिकट देने के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली की सहमति मानी जा रही है। विधानसभा चुनाव में कविता जैन का टिकट कटने के बाद राजीव जैन ने निखिल मदान का खुलकर विरोध किया था और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया था। हालांकि, मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने व्यक्तिगत रूप से उनके घर जाकर नामांकन वापस करवाया था और भविष्य में टिकट देने का आश्वासन दिया था।बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा भी राजीव जैन के नाम को लेकर सिफारिश की गई थी। इसी के चलते इस बार बीजेपी ने राजीव जैन को मेयर पद का टिकट दिया है।
सोनीपत में कांग्रेस मेयर उपचुनाव में कमल दीवान को अपना प्रत्याशी बनाया है तो ऐसे में उन्हें टिकट दिलाने के पीछे एक बार फिर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चली है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीक उनके पिताजी स्वर्गीय देवराज दीवान भी रहे हैं। उसके बाद कमल दीवान भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा के काफी नजदीक माने जाते हैं। सोनीपत की टिकट को बांटने के लिए हुडा खेमा काफी प्रभावी रहा है।सोनीपत की जिला कांग्रेस चयन कमेटी ने भी कमल दीवान के नाम पर सहमति जताई थी और टिकट फाइनल करने के दौरान दो पंजाबी और एक ब्राह्मण चेहरे पर चर्चा हुई थी और उसके बाद सभी समीकरण देखकर कमल के नाम पर मोहर लगाई गई।
सोनीपत में कांग्रेस पार्टी में मेयर उप चुनाव के लिए करीबन 25 नाम की चर्चा थी। बाद में चयन कमेटी द्वारा तीन नाम पर चर्चा की गई। जिसमें सबसे बड़ा फैक्टर पंजाबी चेहरे को लेकर साधना था। पंजाबी समाज में टिकट देने को लेकर कई लोगों के नाम रहे हैं। लेकिन पार्टी कमेटी ने शहर में सामाजिक प्रतिष्ठा, पंजाबी वर्ग पर पैठ और अन्य कई कारणों को देखते हुए कमल दीवान को टिकट दिया। क्योंकि सोनीपत के विधानसभा चुनाव में उन्होंने टिकट की दावेदारी प्रस्तुत की थी। लेकिन सुरेंद्र पवार को टिकट मिलने के बाद उन्होंने बगावत करने की बजाय उनके मजबूत साथ दिया था। भले ही सुरेंद्र पवार चुनाव नहीं जीत पाए। लेकिन उनके सहयोग के कारण पंजाबी वर्ग में कमल दीवान के नाम पर मोहर लगाने के लिए सुरेंद्र पवार ने भी उनका नाम रिकमेंड किया था। इसीलिए अन्य दावेदार उनके खिलाफ नजर नहीं आएंगे। लेकिन शैलजा गुट के सतबीर निर्माण को इस बात के लिए आपत्ति जरूर थी कि इस बार एससी समाज से किसी को टिकट दी जानी चाहिए थी।
बीजेपी में टिकट के लिए ललित बत्रा सहित कई अन्य नेता दावेदार थे। पार्टी को अब इन सभी दावेदारों को साथ लेकर चलना होगा। इसके अलावा, बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि राजीव जैन विधानसभा चुनाव के दौरान निखिल मदान के खिलाफ थे। अब पार्टी को यह देखना होगा कि मदान, जैन के लिए कितनी मेहनत करते हैं और पंजाबी वोट बैंक को बीजेपी के पक्ष में कितना ला पाते हैं।
2.94 लाख मतदाता चुनेंगे नया मेयर
इस उपचुनाव में कुल 2,94,350 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जो पिछले चुनाव से 47,479 ज्यादा हैं।
मतदान तिथि: 2 मार्च 2025, मतदान केंद्र: 268, ईवीएम मशीनें: 450
इस चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने जातीय समीकरणों पर बड़ा दांव खेला है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस का पंजाबी दांव काम करता है या बीजेपी का पंजाबी+वैश्य समीकरण जीत दिलाता है।