रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार द्वारा विभाग के निजीकरण करने के विरोध में किया प्रदर्शन
सरकार खुद इलेक्ट्रोनिक बसे खरीद कर रोडवेज बेडे में करे शामिल, बेरोजगार युवाओं को मिलेगा रोजगार

रोहतक :-25 जनवरी : हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा ने सरकार द्वारा विभाग के निजीकरण का आरोप लगाते हुए नए बस स्टैड पर प्रदर्शन कर महाप्रबंधक के माध्यम से महानिदेशक राज्य परिवहन को ज्ञापन सौंपा। साथ ही रोडवेज कर्मचारियों ने चेताया कि अगर सरकार ने निजीकरण को बढ़ावा दिया तो कर्मचारी आंदोलन करने पर मजबूर होगे। रोडवेज सांझा मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य समुेर सिवाच व जोगेन्द्र बल्हारा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा रोहतक, हिसार, अंबाला, सोनीपत व रेवाड़ी डिपो में इलेक्ट्रिक बसें 62 रुपए 35 पैसे प्रत्येक किलोमीटर की दर के हिसाब से चलने का निर्णय है। उन्होंने कहा एक इलेक्ट्रॉनिक बस के बदले साधारण पांच बसें आती है। प्रदेश में सभी डिपो में 50-50 बसें लेने का जो निर्णय है अगर उसकी जगह पर साधारण तीन सौ-तीन सौ बसें डिपो के बेड़े में शामिल हो तो हरियाणा प्रदेश में लगभग 7200 से अधिक बसें उपलब्ध होती। एक बस पर छह बेरोजगारों को रोजगार मिलता है। इस प्रकार सरकारी बसों पर 4300 बेरोजगारों को रोजगार मिलता और जनता को बेहतर सेवा मिलती हैं। साथ ही अगर इलेक्ट्रिक बसें ही सरकार चलाना चाहती है तो सरकार खुद अपनी बसें खरीदें और रोडवेज के बेड़े में शामिल करें, जबकि 62 रुपए प्रत्येक किलोमीटर की दर से बसें चलाने के निर्णय से जनता पर महंगे किराये के साथ विभाग को घाटा भूगतना पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए रोडवेज विभाग का तेजी से निजीकरण करने पर तुली हुई है, जिसे रोडवेज कर्मचारी किसी कीमत पर बर्दाशत नहीं करेगे। उन्होंने सरकार से तुंरत इस जनविरोधी फैसले को वापिस लेने की मांग की। साथ ही चेताया कि अगर सरकार ने इस फैसले को वापिस नहीं लिया तो तीन फरवरी को प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाकर रोडवेज कर्मचारी आंदोलन की घोषणा कर देगे। इस अवसर पर नरेंद्र दिनोद, आजाद गील, जयबीर घनघस, मायाराम, जयभगवान कादयान, अशोक खोखर, संजीव कुमार, निरज शर्मा, अमित महाराणा, वीरेंद्र सिंहरोहा, सुमेर सिवाच, जगदीप लाठर व दिनेश हुड्डा प्रमुख रूप से शामिल रहे।