ऑनलाइन ठगी करने के मामलें में गिरोह के तीसरे आरोपी को गुरूग्राम से किया गिरफ्तार
टॉस्क जॉइन करवा कर अच्छे मुनाफे का लालच देकर युवक से ऑनलाइन 2 लाख 5 हजार रूपए की ठगी

पानीपत: पुलिस अधीक्षक श्री लोकेंद्र सिंह आईपीएस के मार्गदर्शन में कार्रवाई करते हुए थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने बड़ौली निवासी युवक से ऑनलाइन 2 लाख 5 हजार रूपए की ठगी करने मामले में गिरोह के तीसरे आरोपी को शुक्रवार को गुरूग्राम से गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान संजीव निवासी जमालपुर गुरूग्राम के रूप में हुई।
थाना साइबर क्राइम प्रभारी सब इंस्पेक्टर अजय ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने मामले में पहले गिरफ्तार हो चुके अपने साथी आरोपी संदीप व आशीष निवासी सदरपुर मेरठ यूपी व फरार अन्य कई साथी आरोपियों के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी करने की उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी संजीव को माननीय न्यायालय में पेश कर 3 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपी से गिरोह में शामिल फरार आरोपियों के ठिकानों का पता लगा काबू करने व ठगी की राशि बरामद करने का प्रयास करेंगी।
थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने उक्त मामले में दिसम्बर 2024 में यूपी के मेरठ के सदरपुर गांव निवासी आरोपी संदीप व आशीष को गिरफ्तार किया था। ठगी की राशि दोनों आरोपियों के खाते में आई थी। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि उन दोनों ने गुरूग्राम के जमालपुर निवासी संजीव को अपना खाता दिया था। संजीव ने दोनों को बताया था की वह और उसके साथी साइबर ठगी का काम करते है। ठगी की राशि खाते में मंगवाने के लिए उन दोनों से खाते मांगे। बदले में कमीशन देने का लालच दिया गया। दोनों अपने खाते संजीव को दे दिए। खाते में ठगी की राशि आने के बाद उन दोनों ने एटीएम से पैसे निकाल कर संजीव को दे दिए थे। आरोपी संजीव ने आरोपी संदीप को 5 हजार रूपए व आरोपी आशीष को 20 हजार रूपए कमीशन दिया था।
दोनों आरोपियों ने उक्त राशि खाने पीने में खर्च कर दी थी। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त एक एटीएम कार्ड बरामद कर पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था। और आरोपी संजीव की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।
यह है मामला
थाना साइबर क्राइम में नवीन पुत्र रणसिंह निवासी बड़ौली ने पुलिस को शिकायत देकर बताया था कि 29 सितम्बर 2024 को उसके टेलीग्राम नंबर पर एक अज्ञात टेलीग्राम आईडी से पार्ट टाइम जॉब के नाम से मैसेज आया। जिसको उसने खोलकर देखा। जहा यूजर ने उसको डेमो दिया और टास्क बारे बताया। यूजर ने इसके बाद उसे तीन टास्क पूरा करने के लिए दिए। उसने अपने बैंक खाते से 21 सितम्बर को 150 रूपए व 23 सितम्बर को 1 हजार रूपए वहा इनवेस्ट किये जो उसके खाते में वापिस 1650 रूपए ट्रांसफर कर दिए गए। इसके बाद उसकी ब्राउजर आईडी को स्टाक मार्केट में एड कर दिया गया। जहा उसको और रूपए इन्वेस्ट करने व बैंक की यूपीआई आईडी देने के लिए कहा गया। उनके कहे अनुसार उसने आईडी देने के साथ ही 3 हजार रूपए लगाए तो अज्ञात यूजर ने उसके खाते में 8327 रूपए वापिस ट्रांसफर कर दिए। 28 सितम्बर को मैसेज भेजकर उसको टॉस्क पूरा करने के लिए कहा गया। इसके बाद उसने अपने बैक खाता से पांच बार में आनलाइन कुल 2 लाख 5 हजार रूपए इन्वेस्ट कर दिए। इसके बाद टेलीग्राम यूजर ने वेबसाइट पर उसका अकाउंट बनाया। जहा इन्वेस्ट से संबंधित सभी गतिविधियों को ऑपरेट किया जा रहा था।
उसने वेबसाइट से अपने 2 लाख 5 हजार रूपए खाते में ट्रांसफर करने की कोशिश की तो वह राशि ट्रांसफर नही हो पाई। उसने टेलीग्राम यूजर से संपर्क किया तो उसने और 2 लाख 70 हजार रूपए भेजने बारे कहा। तब उसे अपने साथ हुई वित्तीय धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
इसके बाद उसने गूगल से साइबर क्राइम का नंबर सर्च कर फोन किया। बात कर रही अज्ञात महिला ने कहा की आपके पास कुछ देर में कॉल आ जाएगी। कुछ देर बाद उसके पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आई, जिसने कहा 20 हजार रूपए भेज दो आपके सारे पैसे वापिस आ जाएगे। उसने खाते से 20 हजार रूपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके कुछ देर बाद उसी नंबर से कॉल आई जो उसको और 20 हजार रूपए ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। तब उसे पता चला उसके साथ यहा भी धोखाधड़ी हो गई। थाना साइबर क्राइम में नवीन की शिकायत पर अभियोग दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच व आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।