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शिक्षा को समाज-राष्ट्र से जोड़ने का रोड़ मैप है नई शिक्षा नीति:- केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल 

केंद्रीय मंत्री ने सौद्देश्यपूर्ण शिक्षा की वकालत की,

नई शिक्षा नीति के तहत सोशल आउटरीच पर किया जाए विशेष फोकस।

रोहतक :12 जनवरी : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) विद्यार्थियों को मन की रुचि के अनुसार शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मुहैया करवा रही है। विद्यार्थियों के कौशल विकास तथा हुनर को सुनिश्चित करने तथा शिक्षा को समाज-राष्ट्र से जोड़ने का यह नूतन नीति रोड मैप है। जरूरत है कि शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को एनईपी-2020 बारे जागरूक किया जाए ताकि इस शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वन हो सके। यह अभिव्यक्ति केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (मदवि) में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त की।

“राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 – भारतीय शिक्षा, संस्कार, मूल्य और आपके सुझाव” विषयक इस सम्मेलन में शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न आयामों पर वक्ताओं ने प्रकाश डाला।

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत सोशल आउटरीच पर विशेष फोकस जरूरी है ताकि शिक्षा का उपयोग विद्यार्थी सामाजिक तथा सामुदायिक सरोकारों के लिए कर पाए। इस संबंध में उन्होंने सुझाव दिया कि 15 से 25 वर्ष तक के विद्यार्थियों को सोशल सर्वे का कार्य दिया जा सकता है, जिससे जन मानस की समस्याओं बारे पता चले तथा उनके कल्याण के लिए नीति बन सके। भारतीय भाषा शिक्षण के महत्व को मंत्री मनोहर लाल ने खुद के तमिल भाषा सीखने तथा उपयोग में लाने के उदाहरण से समझाया। केंद्रीय मंत्री ने सौद्देश्यपूर्ण शिक्षा पुरजोर वकालत की।

इस कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ता हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विविध पहलुओं पर विस्तारपूर्वक बताया उन्होंने कहा कि एनईपी- 2020 में संस्कारों, मूल्य की शिक्षा के साथ-साथ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के विशेष प्रावधान है। गुणवत्तापूर्ण शोध प्रोत्साहन हेतु नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की भी व्यवस्था इस नीति में की गई है।

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मदवि कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने अपने संबोधन में एनईपी-2020 को गेम चेंजर करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने में यह नीति नींव का पत्थर होगी। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ यह नीति भारत के विद्यार्थियों को ग्लोबल सिटिजन बनाने का कार्य करेगी, ऐसा उनका कहना था। एमडीयू द्वारा एनईपी-2020 के प्रभावी क्रियान्वन के लिए किए गए विभिन्न पहल का विशेष उल्लेख कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक राहुल हुड्डा (आईएएस) ने इस सम्मेलन की पृष्ठभूमि प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय युवा दिवस पर पूरे प्रदेश में एनईपी- 2020 पर मंथन किया जा रहा है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन एमडीयू के डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान ने किया। मंच संचालन प्रो. दिव्या मल्हान ने किया।

इस अवसर पर हरियाणा के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, एमडीयू रजिस्ट्रार प्रो. गुलशन लाल तनेजा, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रणदीप राणा, निदेशक आईक्यूएसी प्रो. बी. नरसिम्हन, भाजपा जिलाध्यक्ष एडवोकेट रणबीर ढाका, प्रदेश सचिव रेणु डाबला, एमडीयू फैकल्टी डीन, विभागाध्यक्ष, संबद्ध महाविद्यालयों समेत हरियाणा के कई जिलों के कॉलेज प्राचार्य, प्राध्यापक, स्कूलों के प्राचार्य / प्रधानाचार्य, शिक्षक गण, उच्चतर शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. हेमंत वर्मा, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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