भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने की घोषणा : भाकियू बदलेगी अपना ढर्रा, नई रणनीति पर विचार के लिए जल्दी होगी बैठक
सत्ता में थी हिस्सेदारी, तभी दीनबंधु कर पाए भला : चढूनी
गोहाना :-25 नवम्बर : जब तक सत्ता में किसान और मजदूर की हिस्सेदारी नहीं होगी, तब तक उनका भला नहीं होगा। दीनबंधु चौ. छोटू राम भी किसानों और मजदूरों का इसी लिए भला कर पाए कि गुलाम भारत में अंग्रेजों के राज में भी उनकी सत्ता में हिस्सेदारी थी।
सोमवार को यह टिप्पणी भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने की। उन्होंने कहा कि भाकियू अपना ढर्रा बदलने पर विचार करेगी। इस के लिए शीघ्र ही राज्य और राष्ट्रीय स्तर की बैठक बुलाई जाएंगी।
चढूनी शहर के सेक्टर 7 स्थित कम्युनिटी सेंटर में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश स्तर के दीनबंधु चौ. छोटू राम की जयंती के समारोह में मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने की।
गुरनाम सिंह चढ़नी ने कहा कि छत्तीसगढ़, जहां कोई किसान यूनियन नहीं है, वहां के किसानों को पी.आर.धान की दाम 3100 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है। लेकिन एम. एस. पी. 2320 रुपए प्रति क्विंटल घोषित होने के बाद भी हरियाणा के किसानों को दो सौ रुपए से अधिक प्रति क्विंटल 2100 रुपए में सब्र करना पड़ रहा है।
भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इससे भारतीय किसान यूनियन सोचने के लिए मजबूर हो गई है कि उसे किसानों और मजदरों की भलाई के लिए अपनी कार्यशैली में बदलाव की आवश्यकता है। अब भाकियू नई रणनीति ऐसी बनाएगी जिससे वह किसानों और मजदूरों को उनके हक दिलवाने में कामयाब हो सके।
गुरनाम सिंह चढूनी ने एक बार फिर दोहराया कि किसानों और मजदूरों की सत्ता में हिस्सेदारी बेहद जरूरी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पर कारपोरेट क्षेत्र पूरी तरह से काबिज हो चुका है। उन्होंने कहा कि किसानों और मजदूरों का भला उनके अपने ही प्रतिनिधि संसद और विधानसभाओं में पहुंच कर कर पाएंगे।
कार्यक्रम में प्रदेश भर से पहुंचने वाले भाकियू के शीर्ष नेता समय सिंह, राय सिंह कुंडू, संदीप सिंहरोहा, नवीन कारमोद, अशोक लठवाल, सतपाल जाटी, सुधीर जाखड़, गुलाब पूनिया आदि रहे।