गणेश शंकर विद्यार्थी ने कलम की ताकत से अंग्रेजी हुकूमत की नीव हिला डाली थी : आजाद डांगी
गोहाना : 27 अक्तूबर : शहर के रोहतक रोड स्थित चोपड़ा कॉलोनी में गणेश शंकर विद्यार्थी की 134 वीं जयंती आजाद हिंद देशभक्त मोर्चा के तत्वाधान में मोर्चे के सदस्यों ने मनाई | इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आजाद सिंह दांगी जो की मोर्चे के मुख्य संरक्षक भी हैं ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी ऐसे पत्रकार थे जिन्होंने अपनी कलम की ताकत से अंग्रेजी शासन की नींव हिला डाली थी |
उन्होंने देश की आजादी में कलम और वाणी के साथ-साथ महात्मा गांधी के अहिंसक समर्थकों और क्रांतिकारियों को समान रूप से सक्रिय सहयोग दिया। गणेश शंकर विद्यार्थी का जन्म 26 अक्टूबर 1890 को प्रयाग के अतरसुईया मोहल्ले में हुआ था | उन्होंने 9 नवंबर 1913 को कानपुर से प्रताप नाम से साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन आरंभ किया जो 1920 में दैनिक बना दिया गया | इस अखबार में उन्होंने पहले अंक में स्पष्ट कर दिया था कि हम राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन, सामाजिक, आर्थिक, क्रांति, जातीय, गौरव, साहित्यिक, सांस्कृतिक और अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे |
ब्रिटिश अधिकारियों के अत्याचारों के विरुद्ध लेख लिखने के कारण वे पांच बार जेल गए | जयंती समारोह की अध्यक्षता मोर्चे के प्रवक्ता रामनिवास पांचाल ने की तथा उन्होंने कहा 24 मार्च 1931 को भगत सिंह आदि की फांसी की खबर पूरे देश में फैल गई थी | ब्रिटिश सरकार ने अपनी नीति फुट डालो राज करो पर चलते हुए, हिंदू मुस्लिम के आपस में दंगे करवा दिए थे | इन भयानक हिंदू मुस्लिम दंगों में असहाय लोगों को बचाते बचाते 25 मार्च 1931 को वह अपने आपको नहीं बचा पाए | उनके शव की जगह सिर्फ एक हाथ मिला जिस पर उनका नाम लिखा हुआ था | 29 मार्च 1932 को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था |
इस मौके पर मुख्तार सिंह दांगी, मनीष पांचाल,जगदीश चांदीवाल, जगदीश पांचाल, जीत सिंह, करण सिंह, राजू तथा मनोज आदि मुख्य तौर से उपस्थित रहे |