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गोहाना में आजाद हिंद देशभक्त मोर्चा के सदस्यों ने महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर किया नमन

महर्षि वाल्मीकि ज्ञान के सागर थे : आजाद डांगी

 

गोहाना :17 अक्टूबर : गोहाना के बरोदा रोड स्थित भगवान वाल्मीकि आश्रम में आजाद हिंद देशभक्त मोर्चा के सदस्यों ने महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई | इस समारोह के मुख्य वक्ता मोर्चे के मुख्य संरक्षक आजाद सिंह दांगी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि भारतीय संस्कृति के महान ऋषि थे | भगवान वाल्मीकि त्रिकालदर्शी थे। उन्होंने रामायण की रचना भगवान राम के जन्म से भी पहले कर दी थी। वे ज्ञान के सागर थे, आजाद सिंह डांगी महर्षि वाल्मीकि के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाल रहे थे।

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महर्षि वाल्मीकि का जन्म अश्वनी माह की पूर्णिमा को एक साधारण परिवार में हुआ था उनके प्रारंभिक जीवन में उनका नाम रत्नाकर था और वह लोगों के साथ लूटमार करने वाले एक डाकू थे किंतु नारद मुनि के उपदेश से उनका जीवन बदल गया और वह एक महान ऋषि बन गए | उनकी तपस्या और ध्यान से वे महर्षि के रूप में विख्यात हुए | उनके द्वारा रचित रामायण न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है बल्कि मानवता के लिए जीवन जीने का एक मार्गदर्शक ग्रन्थ भी है |

इस जयंती समारोह की अध्यक्षता मास्टर रमेश मेहता ने की | उन्होंने कहा कि नारद जी की प्रेरणा से भगवान वाल्मीकि ने तप किया और ज्ञान प्राप्त किया वे असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे भगवान वाल्मीकि का उल्लेख सतयुग ,त्रेता युग और द्वापर युग तीनों में मिलता है

इस जयंती समारोह में सतवीर पोडिया, पूर्णमल चहल, हर भगवान चोपड़ा ,कश्मीरी लाल बावा, मांगेराम गिरदावर ,खेमचंद प्रजापति, मदनलाल अत्री, बबीता, सारिका, सौरभ ,सुमित तथा अरुण आदि मुख्यतः उपस्थित रहे |

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