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हिंदी साहित्य के आदिकालीन कवि तथा पृथ्वीराज चौहान के परम मित्र थे चंदबरदाई- आजाद डांगी

 

गोहाना : 30 सितंबर : गोहाना के पुराना बस स्टैंड स्थित सतनगर गोहाना में आजाद हिंद देशभक्त मोर्चा के निदेशक डॉक्टर सुरेश सेतिया के निवास पर चंदवरदाई की 975 वी जयंती मनाई गई जिसमें मुख्य वक्ता मोर्चे के मुख्य संरक्षक आजाद सिंह दांगी ने कहा चंदवरदाई हिंदी साहित्य के आदिकालीन कवि तथा पृथ्वीराज चौहान के परम मित्र थे चंदवरदाई का जन्म आज ही के दिन 1149 में लाहौर में हुआ था बाद में वह दिल्ली अजमेर के सुविचार हिंदू नरेश पृथ्वीराज का सम्माननीय शखा, राजकवि और सहयोगी हो गए थे व राजधानी और युद्ध क्षेत्र में सब जगह पृथ्वीराज चौहान के साथ रहते थे उन्होंने पृथ्वीराज रासो नामक ग्रंथ की रचना की मोहम्मद गोरी जब 16 बार पृथ्वीराज से हार गए और 17 वीं बार धोखे से पृथ्वीराज चौहान और चंद्रवरदाई को बंदी बना लिया वहां उनकी आंखों को फोड़ दिया पर जब गजनी का सुल्तान अपनी गद्दी पर बैठा तब चंद्रवरदाई ने एक दोहे का उच्चारण किया चार बांस 24 गज अष्ट उगल प्रमाण ताहि ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहाण और पृथ्वीराज चौहान ने उस दोहे का अनुसरण करके एक ही तीर में मोहम्मद गौरी का काम तमाम कर दिया इस मौके पर सतवीर पौड़िया मुख्तार सिंह दांगी, थानेदार राजपाल कश्यप,सुरेश पवार ,श्री भगवान कलसन, कश्मीरी लाल बावा तथा अनिल हुड्डा व सुभाष शर्मा आदि मौजूद थे

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