66 साल के हो गए जैन संत शेर-ए-हिंद सुंदर मुनि
गोहाना :-16 सितंबर : शेर-ए-हिंद के खिताब से अलंकृत सुंदर मुनि सोमवार को 66 साल के हो गए। उन्होंने वजीरपुरा गांव स्थित टी.पी.एस.पब्लिक स्कूल में उनके साथ विराजमान गच्छाधिपति प्रकाश चंद जी को नमन कर उनका आशीर्वाद ग्रहण किया।
शेर-ए-हिंद सुंदर मुनि का जन्म 16 सितंबर 1958 को गोहाना के रिढ़ाणा गांव में हुआ। उनके पिता माईराम नरवाल और मां भरपाई देवी थे। 7 भाई-बहनों में सुंदर मुनि सबसे छोटे हैं। उनके बड़े भाइयों में दिलबाग सिंह और राम कुमार दिवंगत हो चुके हैं। उनके शेष दो भाई -मास्टर इंद्र सिंह और ईश्वर सिंह हैं। बड़ी दो बहनों में जींद के हाडवा गांव निवासी रुकमणी देवी भी अब दुनिया में नहीं हैं। दूसरी बहन रोहतक के भगवतीपुर गांव निवासी बीरमति हैं।
15 वर्ष की आयु में सुंदर मुनि दीक्षित हो गए थे। दीक्षा हुए 51 साल हो चुके हैं। उनकी दीक्षा 5 दिसंबर 1973 को गन्नौर में शासन प्रभावक सुदर्शन लाल जी के सानिध्य में हई । वह संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, गुजराती और पंजाबी के महारथी हैं। वह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश
और जम्मू-कश्मीर का विचरण कर चुके हैं।
पी- तपी सुंदर मुनि 37 वर्ष से एकासन व्रतधारी हैं। वह 24 घंटे में केवल एक ही बार भोजन ग्रहण करते हैं। 51 वर्ष के दीक्षा काल में उन्होंने एक भी चातुर्मास स्वतंत्र रूप से नहीं किया। उन्होंने प्रत्येक चातुर्मास को गुरु सेवा में समर्पित किया।
शेर-ए-हिंद को टी.पी.एस. पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने उनके जन्मदिन पर अपने हाथ से तैयार उनका चित्र भेंट किया।