पानीपत में 16 और 21 साल के युवक-युवती बनेंगे जैन साधु-साध्वी : दीक्षा ग्रहण करेंगे दोनों; गुरुओं को देखकर दीक्षा की इच्छा जागी
पानीपत :- पानीपत में 16 साल की अंशिका और 21 साल के सूरज पंडित साधु और साध्वी बनेंगे। दोनों गुरुवार (22 फरवरी) को पानीपत की श्री एसएस जैन सभा गांधी मंडी में दीक्षा ग्रहण करेंगे।
उत्तरप्रदेश के रहने वाले सूरज पंडित घराने से हैं, उनके पिता विसराम पंडित खेती करते हैं। वहीं अंशिका दिल्ली की रहने वाली है। वह माता-पिता के साथ गुरुओं के दर्शन करने पानीपत आई थी। यहां गुरुओं काे देखकर ऐसा ही जीवन जीने की इच्छा मन में जागी और फिर माता-पिता काे भी मनाया। सूरज और अंशिका लगभग 4 वर्षों से जैन धर्म की शिक्षाओं का अनुसरण कर रहे हैं।
इससे पहले बुधवार काे मंगल मेहंदी आलेखन का मांगलिक कार्यक्रम हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति प्रसिद्ध गायक महाराष्ट्र के तरुण मोदी ने सभी को संगीत लहरी से सराबोर कर दिया।
गुरुओं के दर्शन करने जाती थीं अंशिका
अंशिका का जन्म दिल्ली के द्वारिका में हुआ था। वह 16 वर्ष की आयु में संसार की सुख-सुविधाओं काे त्याग रही हैं। उनके पिता सुभाष बंसल दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। परिवार में उनकी मां, एक भाई व दाे बहनें हैं। अंशिका परिवार के साथ गुरु के दर्शनों के लिए जाती थीं। 4 वर्ष पहले गुरु दर्शनों के लिए पानीपत आई ताे उसे ऐसे लगा जैसे सबकुछ मिल गया हाे। उसने माता-पिता को यह इच्छा जताई। फिर श्रमणी गौरव महासाध्वी शक्ति प्रभा के चरणों में बच्ची काे अर्पण कर दिया।
मास्क पहने गुरुओं काे देखा ताे ये जीवन चुना
सूरज उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के दुरगुडवा गांव के रहने वाले हैं। पिता विसराम पंडित और मां सुनीता पंडित हैं। गांव में उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। दिल्ली में पहली बार जैन संत ओजस्वमी वक्ता रमेश मुनि महाराज काे देखा। उनके मन में पहला ही प्रश्न था कि जैन संत मुंह क्यों ढक कर रखते हैं, बोलते कैसे हैं। फिर उन्होंने इसी मार्ग पर चलने की इच्छा जाहिर की।