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Waqf Bill: प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी की गैरमौजूदगी में पारित हुआ वक्फ बिल, आखिर क्यों नहीं रहे दोनों नेता?

Waqf Bill: बुधवार को देर रात लगभग 2 बजे लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 और मुस्लिम वक्फ (रद्दीकरण) बिल, 2024 पास कर दिया गया। इन बिलों के खिलाफ विभिन्न विपक्षी दलों के सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई और करीब 10 घंटे से ज्यादा समय तक इस पर चर्चा की। इस दौरान विपक्षी दलों ने इस बिल के विभिन्न प्रावधानों को लेकर विरोध जताया। वक्फ (संशोधन) बिल 2025 को 288 वोटों से पारित किया गया, जबकि 232 वोट इसके खिलाफ गए। इस बिल को अब आज (3 अप्रैल) राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

संजय सिंह ने वक्फ बिल को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बिल पास होने के बाद सोशल मीडिया साइट ‘X’ पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, “आज बाबा साहेब का संविधान मारा गया है, वक्फ बिल धार्मिक संपत्तियों पर कब्जा करने की शुरुआत है। याद रखना, पहले वक्फ की ज़मीन कब्जा की जाएगी और हमारे दोस्तों को दी जाएगी, फिर गुरुद्वारे, चर्च और मंदिरों की बारी आएगी।” संजय सिंह की इस प्रतिक्रिया ने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया।

विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार ने पास किया बिल

Waqf Bill 2025 पर चर्चा के दौरान, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे मुस्लिम समुदाय के हित में बताया। उन्होंने कहा कि यह बिल धार्मिक संपत्तियों के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। इसके बाद, जब बिल पर वोटिंग हुई तो 288 सांसदों ने इस बिल के पक्ष में वोट किया और 232 ने इसका विरोध किया। विपक्ष के कई सदस्य इस बिल को असंवैधानिक और धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ मानते थे। हालांकि, इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने यह स्पष्ट किया कि नए संसद भवन में सदस्यों के लिए लाबी में शौचालय की व्यवस्था की गई है और कोई भी सदस्य बाहरी रास्ते से संसद में नहीं आया।

सरकार ने विपक्ष के संशोधनों को किया खारिज

विपक्ष ने इस बिल में कई संशोधन प्रस्तुत किए थे, जिनमें एक संशोधन वाम दल के सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन ने पेश किया था, जिसमें वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्य देने की मांग की गई थी। इस संशोधन को 288 वोटों से खारिज कर दिया गया, जबकि 231 वोट इसके पक्ष में थे। वहीं, सरकार द्वारा पेश किए गए तीन संशोधनों को सदन ने स्वीकार किया और बिल में कुछ नए प्रावधानों को जोड़ा गया। इस दौरान सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।

इस महत्वपूर्ण बिल के पारित होने के समय सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विपक्षी नेता राहुल गांधी मौजूद नहीं थे, जो इस बिल पर आगे की राजनीति को लेकर चर्चा का एक अहम हिस्सा बन सकते हैं।

Khabar Abtak

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