महाराष्ट्र में मंगलवार को बैठकों का दौर जारी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कैबिनेट विस्तार के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग बुलाई। डिप्टी CM अजित पवार समेत 8 विधायक इसमें पहुंचे हैं।
शरद पवार ने भी NCP दफ्तर में नेताओं की मीटिंग बुलाई है। शरद वाई बी चह्वाण सेंटर यानी पार्टी दफ्तर के लिए रवाना हो चुके हैं। पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले यहां मौजूद हैं। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने भी आज एक मीटिंग बुलाई है। कांग्रेस भी नेता प्रतिपक्ष को लेकर बैठक कर रही है।
उधर, अजित पवार के नए पार्टी दफ्तर पर भी मंगलवार को हंगामा हुआ। समर्थकों का कहना है कि PWD विभाग ने उन्हें दफ्तर की चाबी नहीं सौंपी इसलिए गेट को धक्का मारकर खोला गया। सोमवार को NCP से निकाले जाने के बाद अजित ने अपनी नई पार्टी बना ली है। उन्होंने आज नए दफ्तर का उद्घाटन भी किया।
प्रफुल्ल पटेल का दावा- 51 विधायक भाजपा के साथ जाना चाहते थे, पवार ने रोका
प्रफुल्ल पटेल का दावा है कि 53 में से 51 विधायकों ने शरद पवार से कहा था कि MVA सरकार गिरने के बाद भाजपा के साथ हाथ मिलाने की संभावना तलाशी जानी चाहिए। जयंत पाटिल भी इनमें से एक थे।
NCP से जुड़े आज के अपडेट्स…
• NCP संकट पर शरद पवार गुट के क्लाइड क्रैस्टो ने कहा, “अजीत पवार गुट कानूनी दांव-पेच चल रहा है। हमें अपना काम करना होगा। NCP का मतलब अब भी शरद पवार ही है, घड़ी का चुनाव चिन्ह भी उनके पास है और वे अभी भी पार्टी के एक्टिव प्रेसिडेंट हैं।”
• मंगलवार को महाराष्ट्र कांग्रेस भी एक हाई-लेवल मीटिंग करेगी। इसमें महाराष्ट्र के नेता विपक्ष को लेकर चर्चा होगी।
• महाराष्ट्र के पूर्व CM-कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि NCP के 53 विधायक थे, अगर 37 से ज़्यादा विधायक अजीत पवार के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून से बच सकते हैं। अगर 35 से कम रहे तो निलंबन तय है। जो शिवसेना के समय हुआ था वही होगा लेकिन तस्वीर कल तक साफ होगी।
सतारा में सोमवार को शरद पवार ने रैली की, कहा- हम नई शुरुआत करेंगे
1. हमारे कुछ लोग भाजपा की साजिश का शिकार हो गए
सातारा में सोमवार को हुई रैली में शरद पवार ने कहा- भाजपा देशभर में चुनी हुई सरकारों को गिरा रही है। हमारे कुछ लोग भाजपा का शिकार हो गए। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ है। महाराष्ट्र की जनता को एकजुट होकर अपनी ताकत दिखानी होगी।
2. 5 जुलाई को NCP के सभी नेताओं की मीटिंग बुलाई
शरद बोले- बड़ों के आशीर्वाद के साथ हम नई शुरुआत करेंगे। हमने 5 जुलाई को पार्टी के सभी नेताओं की मीटिंग बुलाई है। मीटिंग में सभी नेता एफिडेविट के साथ आएं। वहां अजित पवार खेमे से कई लोग होंगे, जिनका कहना है कि उनकी विचारधारा NCP से अलग नहीं है और वे अगले कुछ दिनों में अंतिम फैसला लेंगे।
NCP ने बागियों को अयोग्य घोषित करने के लिए चिट्ठी लिखी, पवार समर्थक विधायकों से मिले
अजित पवार और 8 अन्य विधायकों के बगावत के बाद NCP ने सभी बागियों को डिस्क्वालिफाई करने के लिए विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर और चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि पार्टी की कमान शरद पवार के पास है। शरद ने 1999 में पार्टी की स्थापना की थी। अजित की पार्टी पर दावे से जुड़ी कोई भी अपील पर कार्रवाई करने से पहले उनके पक्ष को भी सुनें। शरद पवार ने भी सोमवार को अपने समर्थक विधायकों से मुलाकात की।
अजित पवार का दावा- पार्टी के 53 में से 40 विधायक साथ
उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित ने कहा था कि उनके साथ पार्टी के 53 में से 40 विधायक हैं। यानी एक तिहाई से ज्यादा। उन्होंने NCP छोड़कर शिवसेना-भाजपा से हाथ नहीं मिलाया है, बल्कि NCP के तौर पर ही यह कदम उठाया है। हमने सभी सीनियर नेताओं को भी इसकी जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी में मेजॉरिटी को महत्व दिया जाता है। हमारी पार्टी 24 साल पुरानी है और युवा लीडरशिप को आगे आना चाहिए।
महाराष्ट्र में NCP में फूट के बाद आगे क्या…
1. शरद पवार का अगला कदम?
पवार के लिए सदमा है। हालांकि, उन्होंने यह झलकने नहीं दिया। यही कहा है कि फिर जनता के बीच जाएंगे। यानी वे हारे नहीं हैं।
2. NCP व चुनाव चिह्न पर अजित के दावे में कितना दम?
अजित खेमे का दावा है कि NCP के मौजूदा 53 में 40 विधायकों का समर्थन है। शिंदे मामले में चुनाव आयोग ने संख्या देखते हुए शिंदे गुट के पक्ष में फैसला दिया था।
3. दलबदल कानून लागू होगा?
इस कानून की दो शर्तें हैं। जिस दल को नेता छोड़ रहा है, उसका दूसरे दल में विलय हो जाए। दो तिहाई विधायक सहमत हों। दोनों स्थितियां अजित के पक्ष में हैं। अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में NCP के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित के पास 36 से अधिक विधायक होने चाहिए।
4. शिंदे गुट की धमक कम होगी?
शिंदे गुट की उपयोगिता खत्म सी हो गई है। 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत 145 पर है। शिंदे-फडणवीस सरकार के पास 160 का आंकड़ा था। अब 35 NCP विधायक हैं। भाजपा-शिवसेना के 10-10 मंत्री हैं। 23 पदों में 9 NCP के हो गए हैं। भाजपा ने शिंदे को 5 मंत्री हटाने का सुझाव दिया था। उन्हें भाजपा के निर्देशों पर अमल करना होगा।
5. भाजपा कितनी सफल रही?
NCP को साधकर भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिहाज से महाराष्ट्र को सबसे आसान राज्य की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया है। जानकारों का मानना है कि पार्टी बिहार में भी ऑपरेशन लोटस पार्ट-2 ला सकती है।.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव