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बीज, खाद व कृषि दवा बेचने के लिए लाइसेंस जरूरी, एसजीटीयू करवाएगा डिप्लोमा

48 सप्ताह के प्रशिक्षण में दिया जाएगा अनिवार्य बुनियादी ज्ञान

दसवीं पास बनाएं अपना भविष्य सुरक्षित

गुरुग्राम। केंद्र सरकार ने देश में खाद ,बीज व कृषि औषधि बेचने के लिए अब लाइसेंस की अनिवार्यता कर दी है। लाइसेंस के लिए भी एक डिप्लोमा जरूरी होगा। सरकार चाहती है कि विक्रेता को खाद, बीज व दवा आदि की अनिवार्य जानकारी हो और किसानों को असली-नकली खाद, बीज आदि के मकड़जाल से हर स्तर पर बचाया जाए। सरकार के इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ने अनुकरणीय पहल की है।

अब 10वीं पास युवा विशेष डिप्लोमा करने के बाद बीज, खाद व दवाई बेचने संबंधित लाइसेंस ले सकेंगे ।हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (हमेटी, जींद) द्वारा 10वीं पास युवाओं को डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर (डेसी) अब एसजीटी विश्वविद्यालय, गुरुग्राम के फैकल्टी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज में कराया जाएगा।

48 सप्ताह का प्रशिक्षण करने के बाद डिप्लोमा दिया जाएगा। इसको लेकर सप्ताह में एक दिन क्लास लगेगी। इस डिप्लोमा के आधार पर भारत के किसी भी राज्य में बीज, खाद व दवाई बेचने का लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।

एसजीटी यूनिवर्सिटी कृषि विज्ञान संकाय विभाग की डीन डॉ पूजा पंत एवं प्रमुख कीट विज्ञानी डॉ मीनाक्षी ने बताया कि डिप्लोमा के बाद लाइसेंस डीडीए कार्यालय में आवेदन करने के बाद दिया जाएगा। डिप्लोमा की फीस 31 मार्च तक 20 हजार है एक अप्रैल से मैनेज, हैदराबाद, भारत सरकार की तरफ से यही फीस 28000 रुपये होगी। जो भी इच्छुक अभ्यर्थी वर्तमान बैच में यह डिप्लोमा करना चाहता है, उसके लिए आवेदन 31 मार्च तक खुले हैं।

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उन्होंने बताया कि अब तक केवल उन्हीं व्यक्तियों को डिप्लोमा कराया जाता था, जो पहले ही उक्त व्यवसाय में हैं और उनके पास लाइसेंस हैं। पहले खाद, बीज व दवाई की डीलर के लाइसेंस के लिए डिप्लोमा की कोई शर्त नहीं थी लेकिन भारत सरकार ने खाद, बीज व दवाई के डीलर्स के लिए ये डिप्लोमा अनिवार्य किया है।

बिना डिप्लोमा नहीं बनेंगे लाइसेंस

डा. मीनाक्षी ने बताया कि डिप्लोमा के बिना लाइसेंस नहीं बनेगा। इसके लिए एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विस फार इनपुट डीलर डिप्लोमा जरूर करना होगा। इसके बाद ही नए व पुराने लाइंस रिन्यू हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि कोर्स करने के बाद विक्रेताओं को खाद, बीज व कीटनाशक दवाइयों की बेहतर जानकारी होगी। इससे वो किसानों को सही जानकारी दे सकेंगे। बाजार में नकली खाद-बीज की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। उन्होंने बताया कि किसान अपने खेत के लिए बीज, उर्वरक और कीटनाशक दुकान से खरीदता है। ऐसे में जरूरी है कि इस संबंध में उन्हें बुनियादी ज्ञान हो।

यह डिप्लोमा कोर्स एसजीटी यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू किया जा रहा है तथा डिप्लोमा हमेटी जींद द्वारा प्रदान किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए इन नंबरों पर संपर्क करें

डॉ सुरेंदर : फोन नंबर 7417822488, 7082514883.

इसके अलावा यदि कोई डिप्लोमा न करके खाद व कीटनाशक की अलग-अलग ट्रेनिंग करना चाहता है या लाइसेंस को रिन्यू कराना चाहता है तो इसके लिए भी ट्रेनिंग प्रोग्राम का सर्टिफिकेट दिया जायेगा। यह ट्रेनिंग इस प्रकार रहेगी-

•फर्टिलाइर डीलर के लिए 15 दिन की इंटीग्रेटेड नुट्रिएंट मैनेजमेंट की ट्रेनिंग शुरू की जा रही है।

• कीटनाशक डीलर्स के लिए 12 सप्ताह का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जा रहा है।

इन डिप्लोमा या ट्रेनिंग के लिए सीटें सीमित हैं, पहले आओ पहले पाओ के आधार पर मिलेंगी।

 

 

 

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