प्रधानमंत्री 28 मई को नए संसद भवन का उद्धघाटन करेंगे
नई दिल्ली : नए संसद भवन में लोकसभा को राष्ट्रीय पक्षी मयूर के आकार, वहीं राज्यसभा को राष्ट्रीय पुष्प कमल के आकार की भूकंप रोधी डिजाइन में तैयार किया गया है और इनमें सदस्यों की प्रत्येक सीट ‘डिजिटल प्रणाली और टच स्क्रीन’ से सुसज्जित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करेंगे। लोकसभा तथा राज्यसभा ने 5 अगस्त, 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का शिलान्यास किया गया था। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त संसद के 4 मंजिला नए भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
लोकसभा सचिवालय द्वारा संसद भवन पर तैयार की गई पुस्तिका के अनुसार नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी और राज्यसभा में 384 सदस्य बैठ सकेंगे। संयुक्त सत्र के दौरान 1272 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसमें कहा गया है कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग नए संसद भवन के निर्माण कार्य के निष्पादन के लिए नोडल एजैंसी है। अगले 100 वर्ष की आवश्यक्ताओं और अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए नए संसद भवन की रूपरेखा मैसर्स एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमैंट प्राइवेट लि. ने तैयार की है और इसका निर्माण मैसर्स टाटा प्रोजैक्ट्स लि. द्वारा किया जा रहा है।
1200 करोड़ की लागत से बना नया संसद भवन
करीब 64,500 वर्ग मीटर में फैले नए संसद भवन में भूकंप सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं और यह वर्षा जल संचयन और जल पुन: चक्रण प्रणाली से सुसज्जित है। नया संसद भवन की डिजाइनिंग गुजरात स्थित एक आर्किटेक्चर फर्म एचसीपी डिजाइंस ने तैयार की है जबकि निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने किया है। कहा जा रहा है कि इस पर लगभग 1200 करोड़ रुपए की लागत आई है।
भविष्य की जरूरतों का ध्यान
पुराने संसद भवन में लोकसभा के लिए 543 सीटें जबकि राज्यसभा के लिए 250 सीटें हैं, जबकि नए भवन में लोकसभा और राज्यसभा की क्रमशः 888 और 384 सीटें हैं। संसद के संयुक्त सत्र के लिए पुराने भवन के केंद्रीय कक्ष का इस्तेमाल हुआ करता है, लेकिन नए भवन में संयुक्त सत्र का आयोजन लोकसभा हॉल में होगा जिसमें 1272 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है।
पुराने भवन का उपयोग रहेगा जारी
नया संसद भवन त्रिकोणीय है जिसमें लोकसभा, राज्यसभा, केंद्रीय लाउंज के साथ साथ संवैधानिक प्राधिकारियों के कार्यालय होंगे। इसमें कहा गया कि नए भवन में लोकसभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पक्षी मयूर को दृष्टिगत रखते हुए तैयार किया गया है जबकि राज्यसभा कक्ष का डिजाइन राष्ट्रीय पुष्प कमल के समान है। सम्पूर्ण भवन के डिजाइन में देश के महत्वपूर्ण धरोहर भवनों की स्थापत्य कला को ध्यान में रखा गया है। इसमें कहा गया है कि नए संसद भवन के निर्माण के बाद भी पुराने भवन का उपयोग जारी रहेगा तथा दोनों भवन एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम करेंगे। निर्माण के दौरान यह सुनिश्चित करने का प्रयास किए गए हैं कि नए भवन के निर्माण के बाद भी मूल संसद भवन यथावत दिखाई देता रहे।
कुछ ऐसा है नया संसद भवन
नए संसद भवन में 6 समिति कक्ष होंगे जबकि वर्तमान भवन में 3 समिति कक्ष हैं। इसमें मंत्री परिषद के सदस्यों के लिए 92 कमरों की व्यवस्था की गई है। नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा कक्ष में प्रत्येक बैंच पर एक साथ 2 सदस्य बैठ सकेंगे तथा प्रत्येक सीट डिजिटल प्रणाली और टच स्क्रीन से सुसज्जित की गई है। नए भवन में एक संविधान कक्ष है जहां देश की लोकतांत्रिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त भवन में सदस्यों के लिए पुस्तकालय, डाइनिंग रूम और पार्किंग की भी व्यवस्था रहेगी। संसद के नए भवन में रेन हाव्रेस्टिंग सिस्टम और जल पुन: चक्रण प्रणाली से सुसज्जित होगा। पूरे भवन में 100 प्रतिशत यूपीएस पावर बैकअप की व्यवस्था होगी।
1927 को हुआ था पुराने भवन का उद्घाटन
पुस्तिका में कहा गया है कि संसद का वर्तमान भवन देश के सबसे भव्य भवनों में से एक है जिसका निर्माण प्रसिद्ध वास्तुकार सर एडविन लुटियंस और सर हरबर्ट बेकर की निगरानी में किया गया था। इसकी आधारशिला 12 फरवरी 1921 को ‘द ड्यूट ऑफ कनॉट’ ने रखी थी। इस भवन का उद्घाटन भारत के तत्कानलीन वायसराय लार्ड इर्विन ने 18 जनवरी 1927 को किया था। वर्तमान संसद भवन का निर्माण 6 वर्ष में 83 लाख रुपए की लागत से हुआ था। सैंट्रल लैजिस्लेटिव असैंबली की पहली बैठक 19 जनवरी 1927 को हुई थी। वर्तमान भवन वृत्ताकार है जिसका व्यास 560 फुट, परिधि एक-तिहाई मील और क्षेत्रफल लगभग 6 एकड़ है जिसमें 144 स्तम्भ लगे हैं एवं 12 द्वार हैं।