कोलकाता में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में बी पी एस महिला मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स की हड़ताल
गोहाना :-14 अगस्त : कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में बुधवार को गांव खानपुर कलां स्थित बी.पी.एस.राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज के अस्पताल रेजिडेंट और इंटर्न चिकित्सकों ने हड़ताल की।
ओ.पी.डी. कक्ष में चिकित्सकों ने धरना भी दिया । इस आंदोलन में एम.बी.बी.एस. की छात्राएं भी शामिल हुईं।
चिकित्सकों ने कहा कि केंद्रीय कमेटी के निर्णय तक हड़ताल जारी रखी जाएगी। डाक्टरों के हड़ताल करने से ओ.पी.डी. में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। चिकित्सकों ने केंद्रीय सुरक्षा एक्ट बनाने की मांग की। मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने ओ.पी.डी. में सीनियर चिकित्सकों की ड्यूटी लगाकर काम चलाया। दूसरी तरफ मेडिकल कालेज में नर्सिंग स्टाफ भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहा।
मेडिकल कालेज में हड़ताल करके चिकित्सकों ने कोलकाता की घटना पर रोष व्यक्त किया और धरना देकर आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। चिकित्सकों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि वे सुरक्षा बिना सेवा नहीं देंगे।
मेडिकल कॉलेज की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. सुखदेव टंडन ने कहा कि ओ.पी.डी. और वैकल्पिक सेवाओं को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई अक्षम्य घटना में पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए चिकित्सक और एम.बी.बी.एस.की छात्राएं एकजुट हैं। डॉक्टरों की केंद्रीय कमेटी के फैसले तक हड़ताल रखी जाएगी।
जूनियर, सीनियर रेजिडेंट, पी.जी., डी.एन.बी.,डिप्लोमा पाठ्यक्रम करने वाले डॉक्टर अनिश्चितकालीन बंद में शामिल हो गए हैं। डॉक्टरों मांग की कि कोलकाता की घटना में आरोपियों की पहचान करके उनको सख्त सजा दी जाए। इस मामले की फास्ट-ट्रैक न्यायिक जांच करवाई जाए। वहां के मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, एम.एस.वी.पी. सहित सभी जिम्मेदार इस्तीफा दें । कोलकाता में प्रदर्शनकारी छात्रों पर हमले के लिए वहां की पुलिस माफी मांगे। पीड़ित के परिवार को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। चिकित्सकों और विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा एक्ट बनाया जाए।
हड़ताल में लगभग 150 रेजिडेंट और 120 इंटर्न डॉक्टर शामिल हुए। धरने पर एम.बी.बी.एस. की छात्राएं भी पहुंची। मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. जगदीश चंद्र दुरेजा ने कहा कि इंटर्न व रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल के चलते ओ.पी.डी. में सीनियर डॉक्टरों की जिम्मेदारी लगाई गई है। नवनियुक्त नर्सिंग स्टाफ और एच.के.आर. एन. पर नियुक्त स्टाफ से काम चलाया जा रहा है। प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी तरह की परेशानी न हो।