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सोनीपत लोकसभा सीट पर कांग्रेस के चक्रव्यूह में उलझी भाजपा की हैट्रिक, बहुत कम रह सकता है जीत-हार का अंतर
हैट्रिक की दहलीज पर खड़ी भाजपा ने दो बार के सांसद रमेश कौशिक का टिकट काटकर राई विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोहन लाल बड़ौली पर दांव लगाया है। खुद को पार्टी का समर्पित सिपाही बताकर वह जनता से पीएम मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
सोनीपत :-उलटफेर नतीजे देने वाली सोनीपत लोकसभा सीट का चुनाव अब तक के सबसे कड़े मुकाबले में फंसा है। आप कितने ही लोगों से बात कर लीजिए। राजनीतिक विश्लेषकों की राय पर गुणा-भाग कर लें। सबका निचोड़ यही है कि खापलैंड में इस बार भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर है। जीत-हार का अंतर कुछ ही वोटों का रहने वाला है। कई समीकरणों ने सोनीपत के चुनाव को रोमांचक बनाने के साथ उलझा दिया है।
हैट्रिक की दहलीज पर खड़ी भाजपा ने दो बार के सांसद रमेश कौशिक का टिकट काटकर राई विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोहन लाल बड़ौली पर दांव लगाया है। खुद को पार्टी का समर्पित सिपाही बताकर वह जनता से पीएम मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। कांग्रेस ने भाजपा की हैट्रिक रोकने और वापसी के लिए जींद के सतपाल ब्रह्मचारी को उतारा है। शुरुआत में दो महीने तक सतपाल के नाम की कोई चर्चा नहीं थी। हुड्डा के करीबी होने का उन्हें फायदा मिला। उनका जन्म जींद के गंगोली गांव में हुआ था, मगर पिछले दो दशक से वह हरिद्वार शहर से कांग्रेस की राजनीति करते आए हैं।
कांग्रेस के टिकट पर 2012 और 2022 में हरिद्वार से चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों ही बार भाजपा उम्मीदवार से हार झेलनी पड़ी। वह लोगों से किसानों, मजदूरों, पहलवानों, महिलाओं और नौकरियां दिलवाने के नाम पर वोट मांग रहे हैं। वहीं, इनेलो से सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक अनूप दहिया और जजपा से भूपेंद्र मलिक मैदान में हैं। जाटों के गढ़ में भाजपा और कांग्रेस ने गैर जाट ब्राह्मण बिरादरी के उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। इससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। करीब 17.33 लाख मतदाताओं वाली इस सीट में लगभग छह लाख जाट वोटर हैं। इनमें 80 फीसदी ज्यादा वोट कांग्रेस का माना जाता है। इसके बावजूद पिछले दो चुनाव में कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा।