कोर्ट ने लगाई गोहाना के ठसका बणी में लगे जाल के पेड़ों की कटाई पर रोक
गोहाना :-13 दिसम्बर : पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की कार्यवाहक जस्टिस रितु बाहरी ने गोहाना के ठसका गांव की बणी में लगे दुर्लभ प्रजाति के जाल के सैंकड़ों साल पुराने पेड़ों की कटाई पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। इस स्टे के लिए हाई कोर्ट की शरण राष्ट्रीय पर्यावरण एवं वन संरक्षण ट्रस्ट ने ली थी।
हरियाणा सरकार ने 20 जून 2023 को हरियाणा प्राण वायु देवता पेंशन स्कीम प्रारंभ की। इस स्कीम में प्रावधान है कि जो भी पेड़ 75 साल से अधिक पुराने हैं, उनकी देखभाल करने वालों को 2750 रुपए दिए जाएं। इस नई योजना के प्रतिकूल ठसका गांव पंचायत ने जाल के उन 738 पेड़ों को कटवाना शुरु कर दिया जिसमें से प्रत्येक पेड़ सैंकड़ों साल पुराना है। ये पेड़ गांव की बणी में लगे हुए हैं। जाल के पौधे अत्यन्त दुर्लभ प्रजाति के हैं तथा अब सीमित जगहों पर ही बाकी बचे हैं।
दरअसल ठसका गांव की पंचायत ने 9 मई 2023 को प्रस्ताव पारित किया था जिसके अनुरूप बणी की जमीन को थाना, पुलिस लाइन आदि के निर्माण के लिए उपलब्ध करवाया जाना है।
उसी के निमित्त जमीन को रिक्त करवाने के लिए उस पर लगे पेड़ों को कटवाना प्रारंभ कर दिया गया। ठसका गांव के राम कुमार शास्त्री राष्ट्रीय पर्यावरण एवं वन संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली तथा पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने की गुहार की। इस मामले की सुनवाई स्वयं कार्यवाहक चीफ जस्टिस रितु बाहरी ने जस्टिस निधि गुप्ता के साथ की।
राम कुमार शास्त्री के अनुसार पांच दिसंबर को हुए मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने उसका गांव में पेड़ों की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी।